Bihar Bridge Collapse: बिहार में बीते 18 दिन में 12 पुल-पुलिया धराशायी, तेजस्वी ने नीतीश पर साधा निशाना

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Bihar Bridge Collapse: बिहार में पुल-पुलिया टूटने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को पटना जिले के मसौढ़ी में एक पुल  धंस गया। यह पुल करीब 20 साल पुराना था।

Bihar Bridge Collapse: बिहार में पुल-पुलिया टूटने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को पटना जिले के मसौढ़ी में एक पुल धंस गया। यह पुल करीब 20 साल पुराना था। पुल मसौढ़ी जिले के डोरीपर और गोविंदचक के बीच बनाया गया था। पुल के साथ ही हाल ही में बनकर तैयार हुई एक सड़क का हिस्सा भी टूट गया। पुल और सड़क क्षतिग्रस्त होने के बाद दोनों गांवों के बीच आवागमन ठप हो गया है। इसके साथ ही बीते बिहार में बीते 18 दिन में 12 पुल धराशायी हो चुके हैं।

भारी बारिश की वजह से धंसी पुलिया
बताया जा रहा है कि बीते दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से मसौढ़ी जिले की पुलिया धंस गई। यह पुलिया आसपास के गांवों को मसौढ़ी-पालीगंज और मसौढ़ी-पितमांस रोड से जोड़ती है, ऐसे में स्थानीय लोगों ने इस घटना पर नारागजी जाहिर की है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल के निर्माण में घटिया क्वालिटी के सामान का इस्तेमाल किया गया था।

दो महीने पहले बनी सड़क भी टूटी
मसौढ़ी पुल के पास बनी जो सड़क टूटी है, वह दो महीने पहले ही बनाई गई थी। हाल ही में मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ अनुरक्षण कार्यक्रम के तहत इस सड़क की मरम्मत की गई थी। लगभग डेढ़ किलोमीटर लंबी इस सड़क की मरम्मत में लगभग डेढ़-दो महीने पहले ही काम पूरा हुआ था। पुलिया धंसने की खबर मिलते ही ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा किया। आनन फानन में मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पुलिया काफी पुरानी थी और इसकी मरम्मत की जानी चाहिए थी।

एक्शन में नीतीश कुमार की सरकार
पुल-पुलिया गिरने की घटना से नीतीश सरकार बैकफुट पर है। बिहार में पिछले कुछ दिनों में कई पुल गिरने के बाद सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए 15 इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया है। कहा जा रहा है कि यह कार्रवाई जांच रिपोर्ट के बाद हुई है। जांच रिपोर्ट में जल संसाधन विभाग को पुलों के गिरने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। रिपोर्ट में साफ तौर पर इस इस बात का जिक्र था कि पुल पुलियों की मरम्मत पर ध्यान नहीं देने और इंजीनियरों की लापरवाही की वजह से ऐसे हादसे हो रहे हैं।

इंजीनियरों की लापरवाही आई सामने
बीते 18 दिनों में सीवान, सारण, मधुबनी, अररिया, पूर्वी चंपारण और किशनगंज जिलों में कुल 12 पुल गिर चुके हैं। इनमें से कुछ पुल तो अभी हाल ही में बने थे। जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने बताया कि जांच में पाया गया है कि कई छोटे पुल इंजीनियरों की लापरवाही के कारण गिरे हैं। सस्पेंड किए गए कर्मचारियों में तीन अधिशासी अभियंता भी शामिल हैं।

ठेकेदारों को किया जा रहा ब्लैकलिस्ट
ग्रामीण कार्य विभाग (RWD) के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि अररिया में पुल निर्माण में शामिल ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। साथ ही विभाग ने जांच पूरी होने तक ठेकेदार/कंपनी को उसके पिछले कामों का भुगतान रोक दिया है। इसके अलावा, विभाग ने 23 जून को पूर्वी चंपारण और 26 जून को मधुबनी में पुल गिरने के मामले में संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है। दीपक सिंह ने कहा कि इन दोनों जिलों में RWD के पुलों के गिरने की जांच के आदेश पहले ही दिए जा चुके हैं।

बिहार में पुल गिरने पर सियासत तेज
बिहार में लगातार पुल गिरने की घटना पर सियासत भी तेज हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि लगातार पुलों के गिरने की घटना पर नीतीश कुमार की अगुवाई वाली बिहार सरकार क्यों चुप है। बिहार सरकार के नेता भी इन घटनाओं पर चुप्पी साधे बैठे हैं। इससे पता चलता है कि राज्य सरकार में किस तरह से भ्रष्टाचार व्याप्त है। तेजस्वी यादव ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि राज्य मे पुल पुलियों का निर्माण करने वाले ग्रामीण विकास विभाग का पोर्टफोलियो हमेशा से जेडीयू के नेताओं के पास रहा है। ऐसे में इस तरह की गड़बड़ियों के लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए?

जीतन राम मांझी ने क्या कहा?
केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के नेता जीतन राम मांझा ने तेजस्वी यादव का जवाब दिया है। मांझी ने कहा कि ऐसे मामलों का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। नीतीश कुमार एक संवेदनशील नेता हैं और उन्होंने पुलों के गिरने की घटनाओंं को बेहद गंभीरता से लिया है। ग्रामीण विकास विभाग और लोक निर्माण विभाग को ऐसे हादसों के लिए जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ एक्शन लेने का सख्त निर्देश दिए हैं। वहीं, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्षउ चिराग पासवान ने कहा कि राज्य की एनडीए सरकार ने पुल गिरने की घटनाओं को गंभीरता से लिया है और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों पर कार्रवाई की जा रही है।

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