बिहार चुनाव 2025: औरंगाबाद में JDU को बड़ा झटका, पूरी जिला कमेटी ने दिया सामूहिक इस्तीफा, पूर्व विधायक ने बताई वजह

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रफीगंज के पूर्व विधायक और औरंगाबाद जदयू जिला अध्यक्ष अशोक सिंह ने अपने पद से दिया इस्तीफा।
बिहार चुनाव 2025 से पहले जदयू को औरंगाबाद में बड़ा झटका लगा है। पूरी जिला कमेटी ने सामूहिक इस्तीफा दिया। पूर्व विधायक अशोक सिंह ने गैर-सदस्य को टिकट देने को बताया कार्यकर्ताओं का अपमान।

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले जनता दल (यूनाइटेड) को औरंगाबाद जिले में बड़ा राजनीतिक झटका लगा है। जिले की पूरी जदयू जिला कमेटी ने अपने पदों से सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। इस कदम से जिले की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। इस्तीफे के बाद पार्टी ने तुरंत एक्शन लेते हुए पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार सिंह को कार्यकारी जिलाध्यक्ष नियुक्त किया है, ताकि संगठन में स्थिरता बनी रहे।

पूर्व विधायक अशोक सिंह ने कहा- कार्यकर्ताओं का हुआ अपमान

जदयू जिलाध्यक्ष और पूर्व विधायक अशोक कुमार सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस्तीफे की वजह बताते हुए कहा कि पार्टी ने रफीगंज विधानसभा सीट से ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया है, जो जदयू का प्राथमिक सदस्य तक नहीं है।

उन्होंने कहा, “अगर टिकट किसी पुराने जदयू नेता या एनडीए सहयोगी दल के नेता को दिया गया होता, तो कोई आपत्ति नहीं होती। लेकिन पार्टी ने ऐसे व्यक्ति को उम्मीदवार बनाया है, जिसने कभी नीतीश कुमार और जदयू का विरोध किया था। यह कार्यकर्ताओं के अपमान जैसा है, इसलिए पूरी जिला कमेटी ने सामूहिक रूप से इस्तीफा देने का निर्णय लिया।”

पद छोड़ा है, पार्टी नहीं

अशोक सिंह ने स्पष्ट किया कि उन्होंने केवल पद से इस्तीफा दिया है, पार्टी नहीं छोड़ी है।

उन्होंने कहा, “2009 में जब मैंने अपने पिता और पूर्व विधायक रामाधार सिंह की मौजूदगी में जदयू ज्वाइन किया था, तब पिता ने नीतीश कुमार जी से वादा किया था कि मैं आजीवन उनके साथ रहूंगा। मैं आज भी उस वचन पर कायम हूं और जदयू के साथ रहूंगा।”

उन्होंने कहा कि वे रफीगंज को छोड़कर औरंगाबाद की बाकी पांच सीटों पर एनडीए प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने के लिए काम करेंगे।

2020 में हार दिलाने वाले को ही मिला टिकट

अशोक सिंह ने खुलकर नाराजगी जताते हुए कहा कि पार्टी ने उसी व्यक्ति को टिकट दे दिया है, जिसकी वजह से 2020 में उनकी हार हुई थी।

उन्होंने आरोप लगाया, “यह वही व्यक्ति है जिसने कभी पार्टी का झंडा जलाया था और नीतीश कुमार को अपशब्द कहे थे। ऐसे व्यक्ति को टिकट देना कार्यकर्ताओं की मेहनत और निष्ठा का अपमान है।”

उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं की भावनाओं के सम्मान में पूरी जिला कमेटी ने सामूहिक इस्तीफा दिया है।

JDU में सियासी हलचल तेज, नुकसान की भरपाई में जुटी पार्टी

इस घटनाक्रम के बाद औरंगाबाद की राजनीति में सरगर्मी बढ़ गई है। पार्टी हाईकमान स्थिति को संभालने में जुट गया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह इस्तीफा जदयू के लिए चुनावी रणनीति पर असर डाल सकता है, क्योंकि औरंगाबाद जैसे जिलों में संगठन की मजबूती जीत की कुंजी मानी जाती है।

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