महागठबंधन को झटका?: CPI (ML) ने जारी की 18 उम्मीदवारों की सूची, दिया ये तर्क

CPI ML candidates list
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भाकपा माले के दीपांकर भट्टाचार्य और राजद नेता तेजस्वी यादव

महागठबंधन के सहयोगी दल सीपीआई माले ने 18 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। इसे महागठबंधन में बड़ी दरार के रूप में देखा जा रहा है। राजद ने कहां की गलती?

बिहार विधानसभा चुनावों में एनडीए को झटका देने का दावा करने वाले महागठबंधन को बड़ा झटका लगा है। महागठबंधन के सहयोगी दल CPI (ML) ने 18 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। सीपीआई (एमएल) ने पहले ही कहा था कि सीटों के बंटवारे को लेकर यथार्थवादी दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। अगर कम सीटें दी गईं तो अकेले चुनाव लड़ना पड़ेगा। अब प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीपीआई (एमएल) ने तरारी से मदन सिंह चंद्रवंशी, अग्निआंव एससी से शिवप्रकाश रंजन, आरा से कयामुद्दीन अंसारी, डुमरांव से अजीत कुमार सिंह उर्फ अजीत कुशवाहा, काराकाट से महानंद सिंह, अरवल से महानंद सिंह, घोषी से रामबली सिंह यादव, पालीगंज से संदीप सौरभ, फुलवारी से गोपाल रविदास, दीघा से दिव्या गौतम, दरौली से सत्यदेव राम, जिरादेई से अमरजीत कुशवाहा, दरौंदा से अमरनाथ यादव, भोरे से जितेंद्र पासवान, सिकटा से वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता, वारिसनगर से फूलबाबू सिंह, कल्याणपुर से रंजीत राम और बलरामपुर से महबूब आलम को प्रत्याशी चुना है।

भाकपा माले का प्रदर्शन बेहतर रहा

भाकपा माले के दीपांकर भट्टाचार्य का कहना है कि महागठबंधन को जल्द से जल्द शीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय करना चाहिए था, लेकिन देरी हो रही है। लग रहा है कि आरजेडी और कांग्रेस अपने सहयोगी दलों को सम्मानजनक सीटें नहीं छोड़ना चाहती हैं। उन्होंने तर्क दिया कि 2020 के चुनाव में भाकपा माले ने शानदार प्रदर्शन किया। 19 सीटों पर चुनाव लड़कर 12 सीटें हासिल कीं। उन्होंने कि आरजेडी उन्हीं 19 सीटों को ऑफर कर रही है, जो कि जीती थी। जबकि वो ज्यादा सीटें चाहती हैं ताकि एनडीए के खिलाफ महागठबंधन को मजबूत किया जा सके। चूंकि ऐसा नहीं दिख रहा, लिहाजा सीपीआई माले अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है।

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