Bihar Elections 2025: 'बिहार के मुद्दों के आगे AAP छोटी', अलका लांबा ने तंज में क्या कुछ बोला?

कांग्रेस नेता अलका लांबा ने आम आदमी पार्टी पर कसा तंज
आम आदमी पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनावों के लिए 11 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि बिहार का चुनाव अकेले अपने दम पर लड़ा जाएगा। बिहार की सियासत में आप की दस्तक से विपक्ष दलों का बेचैन होना लाजमी है। शायद यही वजह है कि कांग्रेस नेता अलका लांबा ने बिहार के मुद्दों के आगे आदमी पार्टी को छोटा बता दिया है।
मीडिया से बातचीत में कांग्रेस नेता अलका लांबा ने कहा कि बिहार में आप का कोई भी अस्तित्व नहीं है। आम आदमी पार्टी सिर्फ उन सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है, जो कि भाजपा ने अरविंद केजरीवाल को बताया है, जहां एक से दो हजार वोटों का फर्क है। उन्होंने कहा कि इससे कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि गुजरात के मुद्दे बड़े हैं।
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि 60 सीटों पर 23 लाख महिलाओं के नाम हटा दिए गए हैं। चुनाव से पहले महिलाओं के खाते में 10 हजार रुपये जमा किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वे चुनावों को अपने पक्ष में करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
'नीतीश जी अब कमजोर हो गए'
कांग्रेस नेता अलका लांबा ने कहा कि पलायन, बेरोजगारी, वोट चोरी, भ्रष्टाचार और महिला सुरक्षा जैसे बड़े मुद्दे हैं। उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे अब कमजोर हो गए हैं। वे अपने होश में नहीं हैं। भाजपा ओबीसी वोटों को साधने के लिए उनका इस्तेमाल कर रहे हैं। चुनाव के बाद नीतीश जी को हटा दिया जाएगा।
VIDEO | Delhi: On AAP announcing candidates for Bihar elections, Congress leader Alka Lamba says, “There is no existence of AAP in Bihar. They are trying to benefit BJP, but that won’t happen… Names of 23 lakh women have been removed from 60 (Assembly) seats, and Rs 10,000 has… pic.twitter.com/gKiOlPZNVw
— Press Trust of India (@PTI_News) October 8, 2025
आप को कमतर आंकना ठीक नहीं
राजनीतिक जानकारों की मानें तो बिहार विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को कमतर आंकना ठीक नहीं है। दरअसल, आम आदमी पार्टी ने बिहार में 243 विधानसभा सीटों पर स्वतंत्र रूप से लड़ने का ऐलान किया है। हालांकि आप की संगठनात्मक आधार के मद्देनजर चुनौती भारी है, लेकिन हिंदी बेल्ट राज्य में एंट्री का भी मौका है। ऐसे में अरविंद केजरीवाल बेहद सोची समझी रणनीति के तहत कदम उठा रहे हैं ताकि पार्टी को राष्ट्रीय दर्जा हासिल करा सकें।
