बिहार चुनाव 2025: सियासी रणभूमि तैयार, पुराने दलों का दमखम; क्या PK की एंट्री से बदलेंगे समीकरण!

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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में NDA, महागठबंधन के साथ जनसुराज पार्टी की एंट्री ने बढ़ाई हलचल। PK की एंट्री से बदलेगा सियासी गणित?

Bihar: बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए अब गिने-चुने दिन बचे हैं। प्रदेश की सियासी जमीन गर्माने लगी है। एक ओर जहां NDA और महागठबंधन (INDIA) आमने-सामने हैं, वहीं इस बार चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर, मुकाबले को और दिलचस्प बना रहे हैं। प्रमुख दलों के साथ ही प्रशांत किशोर भी जन सुराज पार्टी के जरिए पूरे प्रदेश में दमखम दिखा रहे हैं। अब देखना यह होगा कि कौन किस पर भारी पड़ता है?

प्रशांत किशोर, जो पहले पर्दे के पीछे से चुनावी समीकरण सेट करते थे, अब खुद मैदान में उतर चुके हैं और "जन संवाद यात्रा" के जरिए जनता से सीधे मुलाकात कर रहे हैं। उनकी एंट्री ने ना सिर्फ राष्ट्रीय पार्टियों को सतर्क किया है, बल्कि मतदाताओं के बीच भी नई उम्मीदों को जन्म दिया है। आइए जानते हैं प्रशांत किशोर की राजनीति में एंट्री होने से किस दल को क्या प्रभाव पड़ेगा, कौन किसके साथ लड़ेगा चुनाव और 2020 में क्या रहे परिणाम?

2025 के चुनाव में कौन सा दल किसके साथ लड़ेगा चुनाव

NDA- BJP, JDU, LJP‑(Ram Vilas), HAM, RLM

INDIA (महागठबंधन)- RJD, Congress, Left Parties, VIP, JMM, RLJP

Jan Suraaj Party- प्रशांत किशोर की नई पार्टी अकेले चुनाव लड़ने का किया ऐलान

BSP- मायावती की पार्टी अकेले चुनाव लड़ रही

AAP- अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी किसी गठबंधन में नहीं

टीम तेज प्रताप यादव- पांच छोटे दलों (VVIP, BJM, PJP, WAP और SKVP) के साथ गठबंधन

बिहार में मतदाताओं की संख्या

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले 1 अगस्त को मतदाता सूची जारी कर दी गई है। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के अनुसार जनवरी 2025 तक बिहार में वोटरों का कुल आंकड़ा 7.89 करोड़ था। लेकिन SIR प्रक्रिया के दौरान बिहार में करीब 65.64 लाख वोटरों के नाम काट दिए गए। जिसके बाद अब बिहार में कुल मतदाताओं की संख्या घटकर 7.24 करोड़ रह गई है। जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 3.82 करोड़ और महिला मतदाताओं की संख्या 3.41 करोड़ है। यानी कि 31 लाख महिला मतदाता और 25 लाख पुरुष मतदाताओं के नाम काट दिए गए हैं। चुनाव आयोग के अनुसार फाइनल मतदाता सूची 31 सितंबर को जारी की जाएगी।

2020 में किसी दल को नहीं मिला था बहुमत

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 की बात की जाए तो किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। लेकिन नीतीश कुमार NDA गठबंधन के साथ सरकार बनाने में सफल रहे। इसके कुछ समय बाद ही नीतीश कुमार NDA से अलग हो गए और तेजस्वी कुमार यादव के साथ मिलकर सरकार बना ली। लेकिन 2024 में एक बार फिर नीतीश कुमार NDA में शामिल होकर सरकार बनाने में कामयाब रहे। इस बार नीतीश कुमार ने 9वीं बार सीएम पद की शपथ ग्रहण की। वर्तमान में बिहार में NDA गठबंधन की सरकार है। जिसके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं।

2020 में किसे कितनी मिली सीटें

2020 विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें RJD को मिलीं। इसके बावजूद RJD सरकार नहीं बना सकी। जबकि जनता दल (यूनाइटेड) 43 सीट मिलने के बाद भी सरकार बनाने में कामयाब रही। यहां जानें 2020 विधानसभा चुनाव में कौन दल कितनी सीटों पर चुनाव लड़ा और किसको कितनी सीटें मिलीं।

गठबंधन

राजनीतिक दल

कितनी सीट पर लड़ीं

जीतीं

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA)

जनता दल (यूनाइटेड)

भारतीय जनता पार्टी

विकासशील इंसान पार्टी

हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर)

115

110

11

7

43

74

4

4

राजद महागठबंधन

राष्ट्रीय जनता दल

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

भाकपा (माले) लिबरेशन

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी

भाकपा (मार्क्सवादी)

144

70

19

6

4

75

19

12

2

2

महा लोकतांत्रिक सेकुलर मोर्चा (GDSF)

राष्ट्रीय लोक समता पार्टी

बहुजन समाज पार्टी

मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी

समाजवादी जनता दल

जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट)

104

80

24

5

25

5

0

1

5

0

0

0

प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक अलायंस (PDA)

जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक)

आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम)

SDPI

बहुजन मुक्ति पार्टी

0

30

0

0

0

0

0

0

बिना गठबंधन

लोक जनशक्ति पार्टी

समता पार्टी

झारखंड मुक्ति मोर्चा

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी

शिवसेना

135

10

0

0

23

1

0

0

0

0

निर्दलीय


1300

1

वैसे तो बिहार विधानसभा चुनाव में कई राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियां (भाजपा, जदयू, राजद, कांग्रेस, और अन्य पार्टियां) चुनावी मैदान में हैं। लेकिन प्रशांत किशोर की एंट्री के बाद सभी दलों में हलचल मच गई है। उनका फोकस भी सबसे ज्यादा युवाओं पर है। इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि जनसुराज सभी पार्टियों की गणित बिगाड़ सकती है। वहीं कुछ पार्टियों के नेताओं के अनुसार प्रशांत किशोर सिर्फ वोट काटने के लिए चुनावी मैदान में उतर रहे हैं।

नवंबर में होंगे चुनाव

इस बार का विधानसभा चुनाव पहले की अपेक्षा काफी दिलचस्प रहेगा। अब देखना यह होगी कि कौन किस पर भारी पड़ता है। सभी पार्टियां अपने पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में उतरने के लिए कमर कस ली हैं। 5 से 15 नवंबर के बीच चुनाव होने की संभावना है। फिलहाल चुनाव की अभी कोई आधिकारिक डेट सामने नहीं आई है।

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