बिहार में पॉपरफुल हुए मुखिया: मानदेय डेढ़ और वित्तीय स्वीकृति दोगुना; चुनावी साल में नीतीश कुमार ने दिए 6 तोहफे

बिहार चुनाव: CM नीतीश कुमार की पंचायत प्रतिनिधियों के लिए 6 बड़ी घोषणाएं।
Bihar CM Nitish Kumar's Announcement: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पंचायती राज व्यवस्था से जुड़े प्रतिनिधियों को बड़ा तोहफा दिया है। गुरुवार (12 जून) को पटना के संवाद हाल में आयोजित संवाद कार्यक्रम में उन्होंने ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों के प्रतिनिधियों से सीधी बातचीत की। इस दौरान पंचायत राज व्यवस्था को सशक्त बनाने वाली छह घोषणाएं की।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि ये निर्णय पंचायत प्रतिनिधियों को सशक्त करने और प्रशासनिक कार्यों को सरल बनाने के लिए लिए गए हैं। पंचायतों के विकास में तेजी और पारदर्शिता आएगी। हालांकि, विपक्ष इन्हें चुनावी घोषणाएं बता रहा है।
CM नीतीश कुमार की मुख्य घोषणाएं
भत्ते में डेढ़ गुना बढ़ोतरी: सीएम नीतीश कुमार ने पंचायत स्तर के सभी प्रतिनिधियों का मासिक भत्ता 1.5 गुना तक बढ़ाने का ऐलान किया है। मुखिया को पहले ₹5000 महीने मिलते थे, अब उन्हें ₹12,500 महीना मिलेगा।
मनरेगा की स्वीकृति सीमा दोगुनी : मुखिया को ₹10 लाख तक की मनरेगा योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति की शक्ति होगी। पहले यह सीमा ₹5 लाख थी।
15 लाख तक की योजनाएं: पंचायत प्रतिनिधि 15वें वित्त आयोग और राज्य वित्त आयोग की राशि से ₹15 लाख तक की योजनाएं विभागीय स्तर पर लागू कर सकेंगे।
पंचायत सरकार भवन निर्माण: 1069 नए पंचायत सरकार भवनों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है। निर्माण का कार्य सीधे ग्राम पंचायतों को सौंपा जाएगा।
शस्त्र लाइसेंस में प्राथमिकता: पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा दिए गए शस्त्र लाइसेंस आवेदन जिला पदाधिकारी द्वारा तय समय में निपटाए जाएंगे।
सामान्य मृत्यु पर भी अनुग्रह अनुदान : अब तक आकस्मिक मृत्यु पर मिलने वाले ₹5 लाख अनुग्रह अनुदान को सामान्य मृत्यु पर भी लागू किया गया। साथ ही बीमारी की स्थिति में मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से चिकित्सा सहायता भी दी जाएगी।
CM बोले-पंचायत प्रतिनिधियों का सम्मान बढ़ेगा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फैसलों की जानकारी देते हुए कहा, हमने महिलाओं को पंचायतों में 50% आरक्षण दिया। अब पंचायत व्यवस्था को और सशक्त कर रहे हैं। ये निर्णय पंचायत प्रतिनिधियों को नई जिम्मेदारी और सम्मान देंगे।
चुनावी साल में घोषणाओं के राजनीतिक मायने
- राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ये फैसले पंचायत प्रतिनिधियों को न सिर्फ आर्थिक रूप से सशक्त करेंगे, बल्कि प्रशासनिक प्रक्रिया में भी प्रभावशाली बनाएंगे। इससे ग्राम स्तर पर शासन का विकेंद्रीकरण और पारदर्शिता बढ़ेगी।
- नीतीश की ये घोषणाएं पंचायत प्रतिनिधियों के माध्यम से मतदाताओं पर सीधा असर डालेंगी। विधानसभा चुनाव 2025 के लिहाज से यह उनका कदम रणनीतिक रूप से बेहद अहम है।
