नगर पालिका चुनाव 2025: बिहार पहला राज्य जहां मोबाइल ऐप से होगी ई-वोटिंग, 51,157 लोग घर बैठे करेंगे मतदान

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बिहार पहला राज्य जहां मोबाइल ऐप से होगी ई-वोटिंग, नगर पालिका चुनाव में घर मतदान करेंगे लोग। 

बिहार बना देश का पहला राज्य जहां मोबाइल ऐप से होगी ई-वोटिंग। 51 हजार से अधिक मतदाता 28 जून को घर बैठे डालेंगे वोट। जानें पूरी प्रक्रिया।

Bihar Nagar Palika Chunav 2025 E-Voting : बिहार ने लोकतंत्र को तकनीक से जोड़ते हुए ऐतिहासिक और क्रांतिकारी पहल शुरू की है। बिहार अब भारत का पहला राज्य बन गया है, जहां मोबाइल ऐप के माध्यम से ई-वोटिंग होगी। लोगों को यह सुविधा 28 जून 2025 को होने वाले नगरपालिका चुनाव में मिलेगी। राज्यभर में इसके लिए 51,157 लोगों ने पंजीयन कराया है।

51,157 मतदाता डालेंगे मोबाइल ई-वोट
बिहार राज्य निर्वाचन आयोग ने बताया कि नगर पालिका चुनावों में ई-वोटिंग प्रणाली लागू की गई है। इसके तहत पंजीकृत 51,157 मतदाता मोबाइल ऐप के जरिए घर बैठे वोट डाल सकेंगे। यह सुविधा अभी वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग मतदाताओं, गर्भवती महिलाओं, असाध्य रोगों से ग्रसित व्यक्ति और प्रवासी मजदूरों को दी जा रही है।

ई-वोटिंग का उद्देश्य
राज्य निर्वाचन आयुक्त दीपक प्रसाद ने बताया कि ई-वोटिंग की सुविधा ऐच्छिक (optional) है। साथ ही यह सुविधा सिर्फ उन्हीं मतदाताओं को दी जा रही है, जिन्होंने पूर्व से इसके लिए पंजीयन कराया है। इसके पीछे चुनाव आयोग का उद्देश्य है कि हर मतदाता को स्वतंत्र, पारदर्शी और सुविधाजनक मतदान की प्रक्रिया मिल सके।

ई-वोटिंग: बक्सर में सर्वाधिक पंजीयन
राज्य निर्वाचन आयुक्त दीपक प्रसाद ने बताया कि बक्सर, पटना, गया, सारण, पूर्वी चंपारण, सिवान, बांका और रोहतास जैसे जिलों के नगर निकायों में ई-वोटिंग के लिए लोगों ने पंजीयन कराए हैं। सर्वाधिक पंजीयन बक्सर नगर पालिका के लिए हुए हैं।

कैसे काम करेगा ई-वोटिंग ऐप?

  • पंजीकृत मतदाता को मोबाइल ऐप डाउनलोड करना होगा
  • OTP के माध्यम से सत्यापन (Verification) किया जाएगा
  • पहचान प्रमाण अपलोड करने के बाद मतदाता लॉगिन करेगा
  • उसके बाद वह अपने निर्धारित उम्मीदवार को वोट डाल सकेगा
  • राज्य निर्वाचन आयोग ने बताया कि यह संपूर्ण प्रक्रिया एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड और डेटा सिक्योरिटी के सभी मानकों पर आधारित है।

अन्य राज्य भी अपनाएंगे ई-वोटिंग का मॉडल
बिहार राज्य निर्वाचन आयोग की यह पहल न सिर्फ भारत में लोकतंत्र की तकनीकी क्रांति की शुरुआत है, बल्कि यह भविष्य की ई-गवर्नेंस रणनीतियों को भी दिशा दे सकती है। यदि यह मॉडल सफल होता है तो आने वाले समय में अन्य राज्यों में भी मोबाइल ई-वोटिंग को लागू किया जा सकता है। आयोग का मानना है कि इससे वोटिंग प्रतिशत बढ़ेगा और अधिक से अधिक लोग लोकतंत्र में भागीदारी कर सकेंगे।

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