Bihar Election 2025: बिहार चुनाव के लिए चुनाव आयोग की बैठक, BJP-JDU समेत इन पार्टियों ने रखी बड़ी मांग

बिहार में चुनाव आयोग ने सभी दलों के साथ की बैठक।
Bihar Election 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले सभी राजनीतिक दलों के साथ मुख्य चुनाव आयुक्त ने बैठक की। इस दौरान सभी राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव के दौरान कुछ चीजों की मांग की। आयोग ने दलों द्वारा दिए गए सुझाव को नोट कर लिया है। बैठक में सुरक्षा व्यवस्था, बुर्का पहनकर वोटिंग करने चुनाव की पारदर्शिता, आचार संहिता समेत तमाम मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। कहा जा रहा है कि आने वाले तीन दिनों में बिहार चुनाव की तारीखों की घोषणा हो सकती है। पढ़िए, किस पार्टी ने रखी कौन-सी बड़ी मांग:
जेडीयू ने दिए ये सुझाव
- नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के अध्यक्ष बिहार अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने सुझाव दिया कि चुनाव एक ही चरण में होने चाहिए।
- उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में छठ पर्व के आसपास ही चुनाव कराए जाने चाहिए, ताकि जो लोग बाहरी राज्यों से छठ में अपने घर आए, वो वोट भी डाल पाएं।
बीजेपी ने दिए ये सुझाव
- बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि विधानसभा चुनाव एक या दो चरण में कराए जाएं।
- साथ ही उन्होंने आयोग से आग्रह किया कि पिछड़ा, अति पिछड़ा और दलित बहुल गांवों में मतदान से पहले पैरामिलिट्री फोर्स की गश्त कराई जाए।
- दियारा इलाकों में घुड़सवार बल की तैनाती सुनिश्चित की जाए, क्योंकि इस इलाके में बूथ लूट की आशंका ज्यादा रहती है।
- साथ ही बीजेपी की तरफ से सुझाव दिया गया कि बूथों पर बुर्का पहनकर मतदान करने वाली महिलाओं पर रोक लगाई जानी चाहिए।
- उन्होंने चुनाव आयोग को सुझाव दिया कि SMS मैसेज के जरिए सभी लोगों को 24 घंटे पहले चुनाव के लिए मैसेज भेजा जाए। इसमें बताया जाए कि 24 घंटे में चुनाव हैं और आप लोग वोटिंग के लिए तैयार रहें।
बीएसपी ने चुनाव आयोग को दिए सुझाव
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की ओर से शामिल प्रतिनिधि सुरेश राव ने सुझाव दिया कि दलित बस्तियों में बूथवार डेटा साझा करने की प्रक्रिया पर पुनर्विचार किया जाए।
साथ ही चुनाव के दौरान मतदाताओं को प्रलोभन देने वाली घोषणाओं पर सख्ती से रोक लगाई जाए।
मुख्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात के बाद, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के प्रतिनिधि कुमार परवेज़ ने मीडिया के सामने अपनी मांगे रखीं। उन्होंने अपनी मांग रखते हुए कहा-
- चुनाव आयोग अंतिम एसआईआर सूची को स्पष्ट करे।
- साथ ही चुनाव आयोग उन 3,66,000 मतदाताओं का विवरण प्रकाशित करे, जिनके नाम हटा दिए गए थे। इस लिस्ट में नाम हटाए जाने का कारण औऱ आधार भी शामिल होना चाहिए।
- साथ ही नए जोड़े गए मतदाताओं की लिस्ट साझा करें।
- एक मांग बिहार में लिंगानुपात को समझने की थी। इसमें जनगणना के अनुसार प्रति 1,000 पुरुषों पर 914 महिलाएँ हैं, लेकिन एसआईआर में 892 हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से पूछा कि क्या महिलाओं की संख्या कम हुई है या और नाम हटाए गए हैं। चुनाव आयोग ने कहा कि वे इसकी जांच करेंगे।
- साथ ही उन्होंने दो चरणों में चुनाव कराने की मांग की।
- जरूरत पड़ने पर मोबाइल बूथों का भी इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
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