भाजपा प्रत्याशी विनय बिहारी की बायोग्राफी: एक क्लिक में जानिए उम्र शिक्षा परिवार संपत्ति और राजनीतिक सफर

लौरिया विधानसभा से विनय बिहारी तीन बार से विधायक हैं और चौथी बार मैदान में हैं।
जीवन परिचय ( विनय बिहारी ): पश्चिम चंपारण की लौरिया विधानसभा को अक्सर 'भोजपुरी स्टार' विनय बिहारी के नाम से जाना जाता है। वह उन गिने-चुने राजनेताओं में से हैं जिन्होंने कला और सिनेमा की दुनिया में शिखर छूने के बाद राजनीति के अखाड़े में भी लगातार तीसरी बार जीत का परचम लहराया है। गीतकार, गायक, अभिनेता और फिल्म निर्देशक से विधायक बने विनय बिहारी का राजनीतिक करियर उनके फिल्मी करियर की तरह ही नाटकीय और जुझारू रहा है।
निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में राजनीति में एंट्री करने से लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के टिकट पर लगातार जीत की हैट्रिक लगाने तक, उन्होंने यह साबित किया है कि उनकी 'बनिहारी' (मजदूरी) ही उनका सबसे बड़ा चुनावी हथियार है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
विनय बिहारी का जन्म 5 जनवरी 1970 को बिहार में हुआ था। उनकी शिक्षा-दीक्षा मुजफ्फरपुर और पटना में हुई। उनके पिता पेशे से शिक्षक थे, लेकिन विनय बिहारी को बचपन से ही गाने और नाटक करने का जुनून था, जिसके लिए उन्हें पारिवारिक विरोध का सामना भी करना पड़ा था।
उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर (M.A.) तक शिक्षा प्राप्त की है। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने अपनी रुचि के क्षेत्र संगीत और फिल्म में कदम रखा, और 1988 में अपनी पहली कैसेट 'चंपारण के बाबू' के साथ भोजपुरी संगीत में प्रवेश किया। वह भोजपुरी फिल्म उद्योग में एक प्रख्यात गीतकार, गायक और निर्देशक बन गए, जहा उन्हें कई लोग 'भीष्म पितामह' कहकर संबोधित करते हैं।
पारिवारिक पृष्ठभूमि और जाति
विनय बिहारी एक सीधे-सादे पारिवारिक पृष्ठभूमि से आते हैं और सार्वजनिक रूप से बताते हैं कि उनका कोई क्रिमिनल या किडनैपिंग वाला पारिवारिक बैकग्राउंड नहीं रहा है। उनके पिता स्वर्गीय परमानंद सिंह थे। उनकी पत्नी का नाम चंचला बिहारी है, जो एक ब्यूटीशियन और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। चुनावी समीकरणों को देखते हुए वह अगड़ी जातियों से आते हैं, जिनका इस क्षेत्र की राजनीति में महत्वपूर्ण प्रभाव है।
राजनीतिक और सामाजिक करियर
विनय बिहारी ने 2010 में लौरिया से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपनी राजनीतिक पारी शुरू की और पहली बार जीत दर्ज की। 2015 और 2020 के चुनावों में वह लगातार भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर जीतते रहे हैं। सदन के अंदर और बाहर अपनी बातों को प्रभावी ढंग से रखने के लिए वह जाने जाते हैं, यहा तक कि सड़क निर्माण की मांग को लेकर उन्होंने हाफ पैंट और बनियान में सदन पहुचकर एक अनोखा विरोध भी दर्ज कराया था, जिसने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खिया बटोरी थीं।
उन्होंने अपने चुनावी भाषणों में हमेशा अपने क्षेत्र के विकास कार्यों को प्रमुखता दी है और सड़कों व पुलों के निर्माण को अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि बताया है।
विनय बिहारी का भाषण अक्सर भावनात्मक, सीधा और आत्मविश्वास से भरा होता है। वह अक्सर अपने 'बनिहारी' (मजदूरी) सिद्धांत पर जोर देते हैं। उनका मानना है कि यदि वह काम नहीं करा पाए तो वोट मांगने नहीं आएंगे, और काम कराने के बाद जनता का आशीर्वाद उनका अधिकार है।
वह अपने प्रतिद्वंद्वियों पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने के बजाय अपने कार्यकाल में हुए विकास कार्यों पर अधिक जोर देते हैं और अपनी साफ-सुथरी छवि पर जोर देते हुए कहते हैं कि "मैंने किसी का बिगाड़ा नहीं है।"
संपत्ति का विवरण
चुनाव आयोग को दिए गए 2025 के चुनावी हलफनामे के अनुसार, विनय बिहारी की कुल घोषित संपत्ति 5 करोड़ से अधिक है। उनकी आय का मुख्य स्रोत फिल्म निर्देशक, लेखक, निर्माता, अभिनेता और गायक के रूप में उनके पेशे से है। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 32 लाख से अधिक का आयकर रिटर्न दाखिल किया है। उनकी पत्नी, चंचला बिहारी के पास भी चल और अचल संपत्ति है, जिसमें उनके साथ मुंबई के अंधेरी में एक संयुक्त फ्लैट और कृषि भूमि शामिल है।
2020 के हलफनामे में उन पर 6 आपराधिक मामले लंबित थे, लेकिन उनकी वर्तमान वित्तीय स्थिति उन्हें बिहार के करोड़पति विधायकों की श्रेणी में रखती है।
लौरिया विधानसभा का समीकरण और विपक्ष का प्रत्याशी
लौरिया विधानसभा क्षेत्र बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में है और वाल्मीकि नगर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। 2020 में यहा लगभग 2.56 लाख पंजीकृत मतदाता थे और मतदान प्रतिशत 61.45% रहा था। यहा का चुनावी समीकरण विकास बनाम जाति की राजनीति के बीच झूलता है, लेकिन विनय बिहारी की लोकप्रियता ने यहा भाजपा की पकड़ मजबूत की है।
2020 के चुनाव में उनका मुख्य मुकाबला राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के उम्मीदवार शंभू तिवारी से था, जिन्हें उन्होंने 29,004 वोटों के भारी अंतर से हराकर लगातार तीसरी बार इस सीट पर जीत दर्ज की थी।
