भाजपा प्रत्याशी सतीश कुमार यादव की बायोग्राफी: एक क्लिक में जानिए उम्र, शिक्षा, परिवार, संपत्ति और राजनीतिक सफर

एक क्लिक में जानिए उम्र, शिक्षा, परिवार, संपत्ति और राजनीतिक सफर
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सतीश कुमार यादव ने 2010 में तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को 13,006 वोटों से हराया था।

राघोपुर विधानसभा सीट से बीजेपी कैंडिडेट सतीश कुमार यादव की उम्र, शिक्षा, परिवार, जाति, संपत्ति और राजनीतिक करियर की पूरी जानकारी। बिहार चुनाव 2025 के उम्मीदवार की जीवनी पढ़ें।

जीवन परिचय ( सतीश कुमार यादव) : बिहार की सियासत में राघोपुर विधानसभा सीट हमेशा से ही सबसे हॉट सीटों में गिनी जाती रही है, क्योंकि यह लालू प्रसाद यादव के परिवार का पारंपरिक गढ़ है। इस गढ़ में एकमात्र बड़ी सेंध लगाने वाले नेता हैं भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार सतीश कुमार यादव, जिन्हें 'जायंट किलर' का उपनाम मिला। 2010 में तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को हराकर उन्होंने इस सीट के राजनीतिक समीकरणों को बदल दिया था।

वर्तमान में, सतीश कुमार यादव एक बार फिर तेजस्वी यादव के सामने खड़े हैं, जिससे राघोपुर का मुकाबला बिहार के चुनावी समर में केंद्र बिंदु बना हुआ है। उनकी राजनीतिक यात्रा लालू परिवार के वर्चस्व को चुनौती देने के साहस और क्षेत्र में यादव वोटबैंक को साधने की बीजेपी की रणनीति का प्रतिनिधित्व करती है।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

सतीश कुमार यादव का जन्म 9 फरवरी 1966 में हुआ है। उनके पिता का नाम श्याम नारायण यादव है। उन्होंने 1992 में पटना के कॉलेज ऑफ कॉमर्स, आर्ट्स एंड साइंस से एम.एस.सी. की डिग्री प्राप्त की। राजनीति में आने से पहले, उनके हलफनामे के अनुसार उनका पेशा कृषि रहा है। उनकी पत्नी भी सरकारी शिक्षिका हैं।

पारिवारिक पृष्ठभूमि और पेशा

सतीश कुमार यादव, यादव समुदाय से आते हैं। यह तथ्य राघोपुर जैसे यादव बहुल क्षेत्र में उनके राजनीतिक आधार को मजबूत करता है। उनकी पृष्ठभूमि कृषि और सार्वजनिक सेवा से जुड़ी रही है। उनके परिवार में उनकी पत्नी शामिल हैं, जो एक सरकारी शिक्षिका हैं। उनका परिवार वैशाली जिले के रामपुर श्यामचंद, राघोपुर में निवास करता है। सतीश कुमार यादव ने 2025 के चुनावी हलफनामे में अपनी और अपनी पत्नी की कुल संपत्ति लगभग 1.54 करोड़ घोषित की है। इसमें चल और अचल दोनों तरह की संपत्तियाँ शामिल हैं। उनके ऊपर कुल 12.34 लाख की देनदारिया भी दर्ज हैं। उनकी पत्नी एक सरकारी शिक्षिका हैं, जबकि वे पूर्व विधायक पेंशन और कृषि से जुड़े हैं।

राजनीतिक कैरियर, ऐतिहासिक जीत

सतीश कुमार यादव ने अपने राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी सफलता 2010 में हासिल की, जब उन्होंने जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए राघोपुर सीट से तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को 13,006 वोटों के बड़े अंतर से हरा दिया था। यह जीत बिहार की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर मानी गई थी, क्योंकि राघोपुर सीट लालू परिवार का अभेद्य किला माना जाता था।

वर्तमान राजनीतिक स्थिति

2010 की जीत के बाद, उन्होंने जनता दल यूनाइटेड से किनारा कर लिया और भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। इसके बाद से वह भाजपा के प्रमुख यादव चेहरे के रूप में राघोपुर से लालू परिवार के खिलाफ लगातार चुनाव लड़ रहे हैं।

2015 और 2020 दोनों विधानसभा चुनावों में उनका मुकाबला तेजस्वी यादव से हुआ, और दोनों बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2020 के चुनाव में तेजस्वी यादव ने उन्हें लगभग 38,174 वोटों के अंतर से हराया था।

राघोपुर सीट पर प्रभाव

सतीश कुमार यादव का नाम इस सीट पर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि वह लालू परिवार के वर्चस्व को तोड़ने वाले एकमात्र नेता हैं। वर्तमान में, वह एनडीए गठबंधन के तहत राघोपुर को एक विकसित क्षेत्र बनाने और तेजस्वी यादव को उनके अपने ही गढ़ में चुनौती देने के दावे के साथ चुनावी मैदान में हैं।

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