विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप: कौन हैं सचिन यादव, जिन्होंने नीरज चोपड़ा से 2.24 मीटर ज्यादा भाला फेंका?

Sachin Yadav vs Neeraj Chopra
World Athletics Championship 2025: विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में उत्तर प्रदेश के एथलीट सचिन यादव ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने पुरुष भाला फेंक (Javelin Throw) फाइनल में शानदार प्रदर्शन करते हुए 86.27 मीटर का थ्रो किया और चौथे स्थान पर रहे। इस थ्रो के साथ ही सचिन ने भारत के स्टार और ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा का रिकॉर्ड तोड़ दिया। नीरज इस बार फाइनल में जगह भी नहीं बना पाए, जबकि 25 वर्षीय सचिन ने अपने करियर का बेस्ट परफॉर्मेंस दिया।
कौन हैं सचिन यादव
सचिन यादव का जन्म उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के खेकड़ा गांव में हुआ। शुरुआती दिनों में वे क्रिकेट खेलते थे, लेकिन उनके पड़ोसी और एथलीट संदीप यादव ने उनके कंधे की ताकत को देखते हुए उन्हें भाला फेंक की ओर मोड़ने की सलाह दी। उनकी लंबाई 6 फीट 5 इंच है, जो भाला फेंक में उनके लिए अतिरिक्त फायदा साबित हुई।
84.21 मीटर का थ्रो कर इतिहास रच दिया
सचिन यादव ने पहली बार चर्चा बटोरी ऑल इंडिया पुलिस एथलेटिक्स चैंपियनशिप में, जहां उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस का प्रतिनिधित्व करते हुए 84.21 मीटर का थ्रो कर गोल्ड जीता। इसके बाद इंडियन ग्रां प्री में उन्होंने 82.69 मीटर थ्रो कर एक और गोल्ड मेडल जीता। 2024 की नेशनल ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में उन्होंने 79.80 मीटर के साथ सिल्वर मेडल जीता था।
BOOM, SACHIN YADAV! 🚀🤯
— Neeraj Chopra Classic (@nc_classic) September 18, 2025
The #TeamIndia athlete throws a MASSIVE Personal Best of 86.27m, climbing up to a provisional 2nd place in Round 1️⃣ at the #WorldAthleticsChamps! 🔥🇮🇳#NCClassic #GameOfThrows #WACTokyo2025 pic.twitter.com/XvL0TRVHej
2025 में शानदार प्रदर्शन
- 38वें राष्ट्रीय खेल (देहरादून): सचिन ने गोल्ड जीता।
- 26वें एशियाई खेल (Asian Athletic Games): 85.16 मीटर का थ्रो कर सिल्वर मेडल जीता और अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ तोड़ा।
- विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025: क्वालिफिकेशन राउंड में 83.67 मीटर थ्रो कर फाइनल में पहुंचे और 86.27 मीटर का शानदार प्रयास किया।
नीरज चोपड़ा को पछाड़ा
सचिन यादव ने इस बार विश्व चैंपियनशिप में नीरज चोपड़ा को पीछे छोड़ते हुए 2.24 मीटर ज्यादा थ्रो किया। नीरज चोपड़ा 84.03 मीटर से ही बाहर हो गए थे। हालांकि सचिन को मेडल नहीं मिल सका, लेकिन उनका प्रदर्शन भारत के लिए उम्मीद की नई किरण लेकर आया है।
