Jitesh sharma run out: दिग्वेश राठी ने जितेश शर्मा का 'चालान' काट ही दिया था, फिर अंपायर ने क्यों दिया not out? क्या कहता है नियम

Jitesh Sharma Run out Controversy: जितेश शर्मा के मांकड़िंग रन आउट पर विवाद हो रहा है।
Jitesh Sharma Run out Controversy: आईपीएल 2025 का आखिरी लीग मैच रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और लखनऊ सुपर जायंट्स के बीच हुआ। इस मुकाबले में आरसीबी ने अपना सबसे बड़ा रनचेज किया। आरसीबी की जीत के अलावा मैच में एक और ऐसी घटना घटी, जिसे लेकर काफी चर्चा हो रही। वो है जितेश शर्मा का रन आउट विवाद। आरसीबी की पारी के 17वें ओवर में नॉन-स्ट्राइकर एंड पर खड़े जितेश रन आउट होने से बाल-बाल बचे। आखिर क्यों क्रीज से बाहर होने के बावजूद अंपायर ने उन्हें नॉटआउट करार दिया। क्या है इसे लेकर नियम, आइए जानते हैं।
लखनऊ के स्पिनर दिग्वेश राठी ने 17वें ओवर में गेंद फेंकने से पहले नॉन स्ट्राइकर एंड पर बेल्स बिखेर दीं। राठी ने रन आउट की अपील कर दी। उस वक्त जितेश शर्मा क्रीज के बाहर खड़े थे। राठी के हामी भरने के बाद फील्ड अंपायर ने उनकी अपील को थर्ड अंपायर के पास भेज दिया। थर्ड अंपायर ने कई एंगल से रीप्ले देखने के बाद ये फैसला दिया कि गेंदबाज अपनी बॉलिंग स्ट्राइड पूरा कर चुका था और पॉपिंग क्रीज के पार जा चुका था। यानी बॉल फेंकने की पूरी प्रोसेस हो चुकी थी, इसलिए जितेश शर्मा को आउट नहीं दिया जा सकता। यही कारण था कि जितेश को जीवनदान मिल गया। थर्ड अंपायर के इस फैसले के बाद मांकडिंग को लेकर नई बहस छिड़ गई।
वैसे, पंत ने अंपायर के नॉटआउट देने से पहले दिग्वेश की अपील वापस ले ली थी लेकिन इसके बावजूद इस फैसले को लेकर काफी विवाद हो रहा। आइए जानते हैं कि दिग्वेश ने जितेश को जिस तरह रन आउट करने की कोशिश की, उसे लेकर क्रिकेट के नियम बनाने वाली संस्था MCC का रूलबुक क्या कहता है।
क्रिकेट के नियम बनाने की जिम्मेदार संस्था MCC (मैरेलिबोन क्रिकेट क्लब) ने निष्पक्षता और स्पष्टता बढ़ाने के लिए 2022 में नॉन-स्ट्राइकर रन-आउट कानून में संशोधन किया है। आसान शब्दों में, MCC के नियम में कहा गया है कि गेंदबाज़ केवल तभी नॉन-स्ट्राइकर को रन आउट कर सकता है, जिसने अपनी क्रीज जल्दी छोड़ दी हो, बशर्ते गेंदबाज़ अपनी गेंदबाजी क्रिया पूरी करने से पहले ही ऐसा कर ले। एक बार जब गेंदबाज़ का हाथ अपनी सामान्य गेंदबाजी क्रिया के सबसे ऊंचा बिंदु (रिलीज पॉइंट) पार कर लेता है (जहां से आमतौर पर गेंद छोड़ता है) तो कानून के तहत वो नॉन-स्ट्राइकर को रन आउट नहीं कर सकता- फिर चाहें बल्लेबाज क्रीज के बाहर ही क्यों न खड़ा हो।
MCC Law 38.3.1.1: बॉलर नॉन स्ट्राइकर को रन आउट करने के लिए गेंद से स्टम्प्स को गिरा सकता है (उसे फेंककर या पकड़कर) अगर बल्लेबाज बॉलर के गेंद छोड़ने के सबसे ऊंचे बिंदु (रिलीज पॉइंट) से पहले क्रीज से बाहर खड़ा हो।
MCC Law 38.3.1.2: एक बार जब गेंदबाज का हाथ बॉलिंग एक्शन के सबसे ऊंचे बिंदु से गुजर जाता है, तो वे नॉन-स्ट्राइकर को रन आउट नहीं कर सकते, भले ही बल्लेबाज अपनी क्रीज से बाहर हो।
हालांकि, पूर्व अंपायर अनिल चौधरी की नजर में जितेश रन आउट थे। उन्होंने इस पूरे विवाद पर कहा कि मांकड़िंग रन आउट नाम ही गलत है, इसे रन आउट ही कहा जाना चाहिए। मैंने मैंने कमेंट्री सुनी, जिसमें थर्ड अंपायर कह रहे थे कि दिग्वेश राठी का पैर पॉपिंग क्रीज से आगे आ चुका था लेकिन मेरे मुताबिक तो उन्होंने रिलीज पॉइंट से पहले ही बेल्स गिरा दी थीं, वो तब बॉलिंग स्ट्राइड (गेंद फेंकने की प्रोसेस) पर थे, उनका हाथ पीछे की तरफ नहीं गया था। ऐसे में मेरे हिसाब से जितेश आउट थे।
अब इस बहस का जो भी नतीजा निकले, जितेश को तो जीवनदान मिला और उन्होंने इसका पूरा फायदा उठाते हुए आरसीबी को न सिर्फ जीत दिलाई, बल्कि क्वालिफायर-1 में भी पहुंचा दिया।
