Bronco Test: ब्रोंको टेस्ट क्या है? जिसे गंभीर करने जा रहे लागू, 6 मिनट में गेंदबाजों को करना होगा पास

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टीम इंडिया में ब्रोंको टेस्ट लागू होने जा रहा, क्या है ये। 
What Is Bronco Test: बीसीसीआई टीम इंडिया के खिलाड़ियों को और फिट रखने के लिए नया टेस्ट ब्रोंको टेस्ट अमल में लाने जा रही। भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए पेसर्स को ये टेस्ट 6 मिनट में पास करना जरूरी होगा। आइए आपको बताते हैं ये ब्रोंको टेस्ट है क्या।

What Is Bronco Test: बीसीसीआई भारतीय क्रिकेट टीम की फिटनेस को नए स्तर पर ले जाना चाहती है। खासतौर पर तेज गेंदबाज की स्ट्रेंथ बढ़ाने पर बोर्ड का फोकस है। इसलिए बीसीसीआई जल्द ही टीम इंडिया में ब्रोंको टेस्ट अमल में लाने जा रही। टीम इंडिया के नए फिटनेस और कंडीशनिंग कोच एड्रियन ले रॉक्स के सुझाव के बाद, बीसीसीआई ने अपने फिटनेस रुटीन के एक हिस्से के रूप में ब्रोंको टेस्ट को लाने का फैसला किया है।

ब्रोंको टेस्ट को लाने का फैसला तेज गेंदबाजों की फिटनेस को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इस टेस्ट को पास करने के बाद ही तेज गेंदबाजों को भारतीय टीम में जगह मिलेगी। इंग्लैंड दौरे पर तेज गेंदबाजों के ज्यादा चोटिल होने के बाद बीसीसीआई ने ये निर्णल लिया है। ब्रोंको टेस्ट को पास करने के लिए खिलाड़ियों को 6 मिनट में निर्धारित रेस पूरी करनी होगी।

रिपोर्ट्स में आगे कहा गया है कि ले रॉक्स भी चाहते हैं कि तेज़ गेंदबाज़ जिम में कसरत करने के बजाय मैदान में दौड़े और मुख्य कोच गौतम गंभीर भी उनकी राय से इत्तेफाक रखते हैं।

भारतीय टीम पहले से ही यो-यो टेस्ट और 2 किलोमीटर का टाइम ट्रायल लागू करती है ताकि खिलाड़ी अपनी फिटनेस के स्तर को बनाए रखने के लिए अपनी सूची में शामिल कर सकें।

ब्रोंको टेस्ट क्या है?

ब्रोंको टेस्ट शटल रन की एक सीरीज है, जिसमें एक खिलाड़ी को क्रमशः 20 मीटर, 40 मीटर और 60 मीटर की दूरी तय करनी होती है, ये मिलकर एक सेट बनता है। खिलाड़ियों को बिना ब्रेक लिए, 6 मिनट में लगभग 1200 मीटर, 5 सेट पूरे करने होंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय खिलाड़ियों को ब्रोंको टेस्ट 6 मिनट के अंदर में पूरा करने के लिए कहा गया है। यह टेस्ट खिलाड़ियों के लिए आगे चलकर जरूरी फिटनेस और कंडीशनिंग के मानकों को निर्धारित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है।

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, बीसीसीआई से अनुबंधित कई खिलाड़ी ब्रोंको टेस्ट देने के लिए बेंगलुरु स्थित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस पहुंच चुके हैं। इस टेस्ट में टीम जिम वर्कआउट के बजाय खिलाड़ियों, खासकर तेज गेंदबाजों के रनिंग माइलेज पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

यो-यो टेस्ट और टाइम ट्रायल

मौजूदा यो-यो टेस्ट में खिलाड़ियों को 20 मीटर की दूरी पर रखे गए दो कोन के बीच की दूरी, बढ़ती गति से, हर 40 मीटर के बीच 10 सेकंड के ब्रेक के साथ तय करनी होती है। भारतीय टीम ने टेस्ट के लिए न्यूनतम आवश्यक स्कोर 17.1 तय किया है। 2 किलोमीटर के टाइम ट्रायल में तेज गेंदबाजों को 8 मिनट 15 सेकंड का समय निकालना होता है जबकि विकेटकीपर और बल्लेबाजों को निर्धारित दूरी पूरी करने के लिए 8 मिनट 30 सेकंड का अतिरिक्त समय मिलता है।

ली रॉक्स, जो जून में टीम इंडिया के साथ अपने दूसरे कार्यकाल के लिए शामिल हुए थे, इससे पहले 2002 और 2003 के बीच भारतीय टीम के साथ काम कर चुके थे। इससे पहले वे दक्षिण अफ्रीका, आईपीएल टीमों कोलकाता नाइट राइडर्स और पंजाब किंग्स के फिटनेस और कंडीशनिंग कोच के रूप में काम कर चुके थे।

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