Virat Kohli: 'अब क्रिकेट से कोई लेना-देना नहीं, मैं तो ऐसा ही हूं...' विराट कोहली ने रिकॉर्डतोड़ शतक के बाद क्यों कहा ऐसा

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विराट कोहली ने अपनी फिटनेस को लेकर बड़ी बात कही। 

virat kohli statement: विराट कोहली ने रांची ODI में धुआंधार अंदाज़ में अपने करियर का 52वां शतक और कुल 83वां इंटरनेशनल शतक ठोका। 135 रन की पारी में विराट ने 11 चौके और 7 छक्के उन्होंने उड़ाए।

virat kohli statement: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली ने रांची में रविवार को शानदार शतक ठोका। पुराने रंग में नजर आए कोहली ने 135 रन की यादगार पारी खेल भारत को 17 रन से जीत दिलाई। यह सिर्फ रन नहीं थे,बल्कि वो विंटेज कोहली था, जिसने गेंदबाज़ों को शुरू से ही दबाव में डाल दिया।

शुरुआत से ही विराट अलग लय में दिख रहे थे। पहली ही गेंद से उन्होंने गेंदबाजों पर हमला करना शुरू कर दिया। खास बात यह रही कि इस पारी में उन्होंने 11 चौके और 7 छक्के लगाए, जो उनके वनडे करियर में संयुक्त रूप से दूसरा सबसे ज्यादा छक्कों वाला मुकाबला रहा। यानी 135 में से 49 रन दौड़कर और बाकी बाउंड्री से आए, ऐसी फिटनेस जिसे देखकर युवा खिलाड़ी भी प्रेरित हों।

मेरी तैयारी अब मानसिक होती: कोहली

मैच के बाद विराट ने बताया कि उनकी तैयारी अब ज्यादातर मानसिक होती है, न कि तकनीकी। उन्होंने हर्षा भोगले से कहा, 'मैं तैयारी में बहुत भरोसा नहीं करता। मेरी क्रिकेट हमेशा मानसिक रही है। जब तक मेरा दिमाग फिट है और शरीर एक्टिव है, मैं खेल सकता हूँ।'

'फिटनेस अब मेरी जिंदगी का हिस्सा'

कोहली ने आगे कहा कि उनके लिए फिटनेस अब क्रिकेट का हिस्सा नहीं बल्कि एक जीवनशैली बन चुकी है। कोहली ने कहा, '300 से ज़्यादा ODI खेल चुके खिलाड़ी के लिए ये सब नया नहीं है। अगर नेट्स में डेढ़–दो घंटे तक बिना रुके बैटिंग कर लो, तो समझो सब ठीक है।'

BCCI की ओर से यह चर्चा थी कि कोहली और रोहित को घरेलू वनडे खेलने को कहा जा सकता है ताकि वे 50 ओवर के गेम की गति से जुड़े रहें। लेकिन कोहली ने साफ कहा कि वे लगातार इंग्लैंड में नेट्स कर रहे हैं और उनकी फॉर्म और टाइमिंग दोनों सही हैं,उन्हें बस थोड़ी सी प्रैक्टिस चाहिए।

मैदान पर इसका असर साफ दिखा-पारी की शुरुआत में तेजी, बीच में नियंत्रण और आखिर में फिर अग्रेसिव अप्रोच। शतक पूरा करते ही कोहली की वही पुरानी जंप और हवा में पंच वाला सेलिब्रेशन देखने को मिला। यही वो शतक था जिससे उन्होंने सचिन तेंदुलकर का एक बड़े रिकॉर्ड,किसी भी एक फॉर्मेट में सबसे ज्यादा शतक को पीछे छोड़ दिया।

साउथ अफ्रीका ने मार्को यानसेन और कॉर्बिन बॉश की जोड़ी ने वापसी की पुरजोर कोशिश की लेकिन भारत का 349 रन का स्कोर उनके लिए बड़ा साबित हुआ। यह सिर्फ एक शतक नहीं, बल्कि यह संदेश था कि 37 साल की उम्र में भी विराट कोहली फॉर्म,फिटनेस और जुनून-तीनों में बाकी खिलाड़ियों से काफी आगे हैं।

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