Shubman gill: शुभमन पर कप्तानी का दबाव? मांजरेकर बोले- कोहली गुस्से में चमकते थे गिल बिखर गए

sanjay manrekar on shubman gill sledging episode with zak crawley
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shubman gill captaincy: संजय मांजरेकर ने शुभमन गिल पर सवाल उठाए हैं। 

Shubman gill captaincy:लॉर्ड्स टेस्ट में इंग्लैंड के बल्लेबाजों के खिलाफ आक्रामकता दिखाने का असर शुभमन गिल की बल्लेबाजी पर साफ दिखा था। संजय मांजरेकर का मानना है कि कप्तानी और स्लेजिंग ने गिल को असहज कर दिया।

Shubman gill captaincy: लॉर्ड्स टेस्ट में मजबूत स्थिति के बावजूद भारत को हार मिली। इसके बाद से ही टीम के प्रदर्शन के साथ-साथ शुभमन गिल की मानसिक स्थिति और बैटिंग पर भी सवाल उठने लगे हैं। सीरीज के पहले दो टेस्ट में रनों का अंबार लगाने वाले गिल लॉर्ड्स टेस्ट में बिल्कुल पटरी से उतरे नजर आए।

लॉर्ड्स टेस्ट के तीसरे दिन आखिरी सेशन में इंग्लैंड के बैटर जैक क्रॉली का समय बर्बाद करने की रणनीति पर गिल ने आक्रामक रिएक्शन दिखाया। उन्होंने क्रॉली के पास जाकर कुछ कहा और बाकी खिलाड़ियों ने भी इसमें कप्तान का साथ दिया। यही मैच और सीरीज का फ्लैशपॉइंट था और इसके बाद इंग्लैंड ने भी इसी अंदाज में भारत को जवाब दिया और नतीजा सबके सामने है। इसके बाद से ही ये सवाल उठ रहे कि क्या जुबानी जंग और स्लेजिंग का असर गिल की बल्लेबाजी पर पड़ा?

स्लेजिंग का असर गिल की बल्लेबाजी पर पड़ा: मांजरेकर

पूर्व भारतीय बल्लेबाज़ संजय मांजरेकर का मानना है कि कप्तानी के दबाव और स्लेजिंग ने गिल की बल्लेबाज़ी पर असर डाला। ईएसपीएनक्रिकइंफो पर बात करते हुए मांजरेकर ने कहा, 'विराट कोहली के साथ जब माहौल गर्म होता था, तो वो और बेहतर बल्लेबाज़ बन जाते थे। लेकिन शुभमन के साथ इसका उल्टा असर हुआ।'

'कोहली बनने की कोशिश न करें गिल'

गिल जब चौथे दिन बल्लेबाज़ी के लिए आए, तो इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने उनके खिलाफ जमकर स्लेजिंग की। स्लेजिंग और निजी टिप्पणियों के बीच गिल महज 6 रन बनाकर पवेलियन लौटे। मांजरेकर ने इसे लेकर कहा, 'गिल पहली बार इस तरह के माहौल में खेले होंगे। आजकल विदेशी टीमें भारतीय खिलाड़ियों से ज़्यादा फ्रेंडली रहती हैं। लेकिन इस बार मामला उल्टा था और शुभमन इसका सामना नहीं कर पाए।'

गौरतलब है कि सीरीज़ के पहले दो टेस्ट में शुभमन गिल ने 485 रन बनाए थे, जिसमें 3 शतक शामिल थे। उन्होंने 269 रनों की करियर बेस्ट पारी भी खेली थी। लेकिन लॉर्ड्स में हालात चुनौतीपूर्ण थे और दबाव कुछ ज़्यादा ही था। मांजरेकर ने आगे कहा कि गिल इस सीरीज़ में बेहतरीन तकनीक और धैर्य दिखा चुके हैं। लेकिन तीसरे टेस्ट की दूसरी पारी में उन्होंने महज़ 9 गेंदों में 4 बार चूक की। ये चिंता की बात है।

उन्होंने ये भी कहा, 'कप्तान बनने के बाद शुभमन का यह आक्रामक चेहरा पहली बार देखने को मिला। हो सकता है कप्तानी का कॉन्फिडेंस बढ़ा हो, लेकिन क्या यह असली गिल है? विराट कोहली में वो आक्रामकता पहले से थी, चाहे वो कप्तान हों या नहीं। शुभमन को अब खुद तय करना होगा कि वो किस तरह के लीडर बनना चाहते हैं।' मांजरेकर ने ये भी कहा कि गिल अभी सिर्फ 25 साल के हैं और उनके पास वक्त है खुद को समझने और संवारने का।

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