ind vs sa pitch report: गुवाहाटी में भी होगा कोलकाता जैसा, 3 दिन में खत्म हो जाएगा टेस्ट? पिच की पहली झलक ने बढ़ाई टेंशन

ind vs sa 2nd test pitch report: गुवाहाटी टेस्ट में भी टर्निंग ट्रैक नजर आ सकता है।
ind vs sa pitch report: गुवाहाटी के बारसापारा क्रिकेट ग्राउंड की पिच की पहली तस्वीरें सामने आते ही दूसरी टेस्ट मैच को लेकर चर्चाएं तेज हो गईं। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच होने वाले इस मुकाबले से 2 दिन पहले दिखी यह लाल मिट्टी की पिच एक बार फिर जल्दी खत्म होने वाले मैच का संकेत दे रही। पिच पर हल्की-सी घास जरूर दिखी लेकिन जानकारों के मुताबिक यह सिर्फ नमी बनाए रखने के लिए होती और मैच शुरू होने से पहले इसे हटा दिया जाएगा। इसके बाद सतह और ज्यादा सूखी और स्पिनर-फ्रेंडली हो जाती।
लाल मिट्टी की पिचें आमतौर पर जल्दी सूखती हैं और जल्दी टूटती भी हैं। शुरुआत में इन पर उछाल और गति अच्छी रहती है लेकिन जैसे-जैसे पिच टूटती है, स्पिनरों को काफी मदद मिलने लगती है। गेंद तेज घुमती है और कई बार उछाल भी अनियंत्रित हो जाता है। कुछ ऐसा ही देखने को मिला था कोलकाता के ईडन गार्डन्स में पहले टेस्ट के दौरान, जहां भारत 124 का छोटा सा लक्ष्य भी हासिल नहीं कर पाया था और तीसरे दिन ही मैच हार गया था।
पहले टेस्ट के बाद बल्लेबाज़ी को लेकर आलोचना तो हुई ही, लेकिन पिच को लेकर टीम और सिस्टम के बीच मतभेद भी खुलकर सामने आ गए।
गुवाहाटी में भी हो सकता कोलकाता जैसा?
कोलकाता टेस्ट से पहले CAB प्रमुख सौरव गांगुली ने कहा था कि टीम ने टर्निंग ट्रैक की मांग नहीं की है। मैच के बाद उन्होंने बयान बदलते हुए कहा कि पिच बिल्कुल वैसी ही थी जैसी टीम चाहती थी, सूखी और बिना पानी डाले तैयार की गई। अब उन्होंने सलाह दी है कि टीम को फ्लैट विकेट्स पर भी खेलना चाहिए।
इधर कोच गौतम गंभीर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पिच वही थी जो टीम ने मांगी थी, दोष बल्लेबाज़ों का है। वहीं बल्लेबाज़ी कोच सितांशु कोटक ने कहा कि पिच का व्यवहार बिल्कुल अप्रत्याशित था।
पिच को लेकर किचकिच जारी
कोटक ने कहा, 'हम भारत में स्पिन पर भरोसा करते हैं। उम्मीद यही थी कि मैच चार या साढ़े चार दिन चलेगा और शुरुआत में तेज गेंदबाज़ भी खेल में रहेंगे। लेकिन पहले टेस्ट में पिच पहले दिन के बाद ही टूटने लगी, यह किसी ने नहीं चाहा था।'
गिल का नया दौर और पुराने तरीके
यह पूरा विवाद ऐसे समय में हो रहा है जब कुछ महीने पहले ही नए कप्तान शुभमन गिल ने कहा था कि वे चाहते हैं कि उनकी कप्तानी में भारत अधिक प्रतिस्पर्धी पिचों पर खेले, न कि सिर्फ टर्निंग ट्रैकों पर। अब गुवाहाटी की पिच ने फिर वही सवाल खड़ा कर दिया है- क्या भारत अपनी घरेलू पिचों को लेकर वाकई साफ रणनीति बना पाया है?
