pbks vs lsg: 'पिता की हफ्ते में 3 बार डायलिसिस होती, पापा खुश हों इसलिए...' प्रभसिमरन ने सुनाई इमोशनल कहानी

pbks vs lsg highlights: IPL में खिलाड़ी न सिर्फ अपनी टीम के लिए खेलते हैं, बल्कि कई बार मैदान पर उनके साथ एक परिवार की उम्मीद भी होती है। कुछ ऐसा ही नज़ारा देखने को मिला जब पंजाब किंग्स के ओपनर प्रभसिमरन सिंह मैदान पर अपने बीमार पिता के लिए उतरे। पंजाब किंग्स ने लखनऊ सुपर जायंट्स को 37 रन से हराया। इस मैच में प्रभसिमरन ने शानदार 91 रन की पारी खेली। लेकिन इस पारी से भी ज्यादा चर्चा उस जज़्बे की हो रही है जो उन्होंने अपने पिता के लिए दिखाया।
प्रभसिमरन के पिता 3 बार हफ्ते में डायलिसिस से गुजर रहे हैं। ऐसे में बेटे का मैदान पर उतरना और टीम के लिए जीत की नींव रखना, किसी इमोशनल कहानी से कम नहीं। मैच के बाद प्रभसिमरन ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'मेरे पिता बहुत बीमार हैं, हफ्ते में तीन बार डायलिसिस करवानी पड़ती है। लेकिन वो हमेशा मेरा मैच देखते हैं। मेरी बैटिंग देखकर उनके चेहरे पर जो मुस्कान आती है, वही मुझे ताकत देती है।'
Chris Gayle called fans to watch out Prabhsimran Singh when he was nothing.
— Sujeet Suman (@sujeetsuman1991) May 4, 2025
Now Punjab Kings has shown the faith in him and now he is paying it back.Todya he played really well.pic.twitter.com/ksIHRkVY2U
23 साल के प्रभसिमरन ने कहा कि इस मुश्किल वक्त में क्रिकेट पिता के लिए एक मानसिक सहारा है। उन्होंने कहा, 'जब मैं क्रीज पर होता हूं, तो कोशिश करता हूं कि बस अच्छा खेलूं, ताकि पापा खुश हों।'
प्रभसिमरन सिंह के चाचा सतविंदरपाल सिंह, जिन्होंने उन्हें बैटिंग के गुर सिखाए हैं ने उनके पिता सुरजीत सिंह की तबीयत को लेकर बताया, 'वह(सुरजीत ) सप्ताह में तीन बार डायलिसिस से गुजरता है। एक बड़े भाई के रूप में मैं उसकी पीड़ा नहीं देख सकता। जब डॉक्टर डायलिसिस के लिए घर आते हैं तो मुझे घर से बाहर निकलना पड़ता है। ऐसा कोई दिन नहीं बीता जब मैंने प्रार्थना न की हो कि यह मेरा छोटा भाई न हो।'
सतविंदरपाल को नहीं पता कि उनका छोटा भाई कितने दिन तक जीवित रहेगा लेकिन उन्होंने सुरजीत के चेहरे पर मुस्कान लाने का एक तरीका ढूंढ लिया है। उन्होंने बताया, 'हर पंजाब किंग्स मैच से पहले, मैं उसे लिविंग रूम में ले जाता हूं। हम साथ में मैच देखते हैं, और हर बार जब कैमरा सिम्मू पर होता है, तो वह मुस्कुराता है। अगर सिम्मू गोल करता है, तो वह मुस्कुराता और हंसता रहता है। उन पलों में, वह अपने दर्द को भूल जाता है। अगर सिम्मू जल्दबाजी में शॉट खेलता है, तो वह चिल्लाता है, 'खोते आराम नाल खेल (समझदारी से खेलो)।'
प्रभसिमरन का IPL में अब तक का सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा है, लेकिन इस सीजन में उन्होंने कई मौकों पर अहम योगदान दिया है। उनके शॉट्स में धार है और उनके इरादों में मजबूती। पंजाब किंग्स के लिए ये जीत प्लेऑफ की दौड़ में उम्मीद की एक किरण है। टीम के कप्तान और कोच ने भी प्रभसिमरन की तारीफ करते हुए कहा कि उनका समर्पण बाकियों के लिए एक मिसाल है।
मैदान पर जब कोई खिलाड़ी सिर्फ रन नहीं, बल्कि भावनाओं और जिम्मेदारियों का बोझ लेकर उतरता है, तो उसका हर शॉट सिर्फ स्कोरबोर्ड नहीं बदलता, किसी दिल में उम्मीद भी भरता है। प्रभसिमरन की ये कहानी साबित करती है कि IPL सिर्फ क्रिकेट नहीं, जज्बातों का भी मंच है। इस सीजन में प्रभसिमरन 11 पारियों में 437 रन बना चुके हैं।