MI Road to Playoffs: पहले 5 में से 4 मैच गंवाए, फिर खोला पंजा; कैसे मुंबई इंडियंस ने 11वीं बार प्लेऑफ में मारी एंट्री

mumbai indians ने शुरुआती 5 में से 4 मैच गंवाने के बाद कैसे प्लेऑफ में जगह बनाई, जानें
MI Road to Playoffs: जब आईपीएल 2025 की शुरुआत में मुंबई इंडियंस (MI) ने अपने शुरुआती 5 में से 4 मुकाबले गंवाए थे, तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि ये टीम प्लेऑफ में जगह बनाएगी। लेकिन बुधवार को वानखेड़े स्टेडियम में दिल्ली कैपिटल्स को 59 रन से हराकर मुंबई इंडियंस ने न सिर्फ चौथा प्लेऑफ स्थान पक्का किया, बल्कि दिखा दिया कि क्यों उन्हें 5 बार की चैंपियन कहा जाता।
इसके साथ ही मुंबई इंडियंस ने रिकॉर्ड 11वीं बार प्लेऑफ में जगह बनाई है। इससे पहले, मुंबई 2010, 2011, 2012, 2013, 2014, 2015, 2017, 2019, 2020 और 2023 में प्लेऑफ में पहुंचीं थी और इसी दौरान पांच बार खिताब जीते। सिर्फ च़ेन्नई सुपर किंग्स ऐसी टीम है, जो मुंबई इंडियंस के 11 के मुकाबले 12 बार प्लेऑफ में पहुंचीं है।
टीम की कमान जब हार्दिक पंड्या को सौंपी गई थी, तो फैन्स की उम्मीदें और आलोचनाएं दोनों साथ थीं। पिछला सीजन उनके लिए खराब रहा था और इस बार की शुरुआत भी निराशाजनक रही। बल्लेबाजी फ्लॉप, गेंदबाजी फीकी और टीम असमंजस में नजर आई। लेकिन अप्रैल में दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ एक करीबी मुकाबले में मिली जीत ने मानो किस्मत की दिशा बदल दी।
गेंदबाज़ों ने कराई मुंबई की वापसी
मुंबई की वापसी की कहानी बल्ले से नहीं, बल्कि गेंद से लिखी गई। दीपक चाहर और ट्रेंट बोल्ट की नई गेंद से की गई जोड़ी ने पावरप्ले में कुल 23 विकेट झटके। वहीं चोट से वापसी करने वाले जसप्रीत बुमराह ने डेथ ओवर्स में अपनी किफायती गेंदबाज़ी (इकॉनमी 6.39) से विपक्षी टीमों की कमर तोड़ दी। इसके बाद टीम ने लगातार 6 मैच जीते और प्लेऑफ की तरफ तेजी से कदम बढ़ा लिए।
हार्दिक ने भी कप्तानी में सुधार किया-तेज़ गेंदबाज़ों को ताजा बनाए रखा, स्पिनरों का स्मार्ट इस्तेमाल किया और फील्डिंग में नए प्रयोग किए। रणनीति साफ थी- शुरुआत में वार करो, अंत में दबाव बनाओ।
सूर्यकुमार ने दिखाया दम
सूर्यकुमार यादव पूरे सीजन में चमकते रहे। 170 से ज्यादा स्ट्राइक रेट के साथ 580+ रन बनाए। दिल्ली के खिलाफ नाबाद 73 रन की पारी ने प्लेऑफ की मुहर लगा दी। साथ ही रयान रिकेल्टन, तिलक वर्मा और नमन धीर ने भी जिम्मेदारी संभाली और मिडिल ऑर्डर में मजबूती दी। रोहित शर्मा भले ही अपने रंग में नहीं दिखे, लेकिन अनुभव और संकटमोचक की भूमिका में अहम साबित हुए।
कप्तान के रूप में हार्दिक की परिपक्वता
रोहित से कप्तानी लेना आसान नहीं था। आलोचना झेलते हुए हार्दिक ने अपनी कप्तानी में निखार लाया। मैदान पर निर्णय और फील्ड सेटिंग में तेजी आई। टीम धीरे-धीरे अपने कप्तान की सोच को फॉलो करने लगी।
MI के मुकाबले और स्थिति
मुंबई ने अब तक 13 मैचों में 8 जीत के साथ 16 अंक बटोरे हैं। आखिरी मुकाबला पंजाब किंग्स से है, जिससे पहले ही प्लेऑफ में जगह बना ली है। अगर MI ये मुकाबला जीत लेती है और रन रेट बेहतर रहता है, तो वो पॉइंट टेबल में दूसरे स्थान पर पहुंच सकती है, जिससे उन्हें सीधे फाइनल में पहुंचने का मौका मिल सकता है।