IND vs ENG: जो रूट के विकेट पर विवाद, अंपायरिंग पर उठे सवाल, आकाश दीप की गेंद पर क्या कहता ICC का नियम?

joe root dismissal controversy
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Joe Root Dismissal Controversy: एजबेस्टन टेस्ट में जो रूट का आउट होना विवादों में आ गया है। रीप्ले में दिखा कि अकाश दीप का डिलीवरी बैकफुट नो-बॉल था, लेकिन अंपायरों ने नहीं रोका।

Joe Root Dismissal Controversy: भारत और इंग्लैंड के बीच एजबेस्टन टेस्ट के चौथे दिन का खेल रोमांचक रहा, लेकिन दिन के अंत में एक विवाद ने सबका ध्यान खींचा। इंग्लैंड 608 रन के पहाड़ जैसे लक्ष्य का पीछा कर रहा था और स्टंप्स तक 72/3 हो चुका था। इसी दौरान जो रूट के विकेट पर विवाद हो गया।

भारतीय तेज गेंदबाज आकाश दीप ने एक फुलर और एंगलिंग डिलीवरी पर रूट के स्टंप उड़ा दिए। रूट सिर्फ 6 रन बनाकर पवेलियन लौटे। लेकिन जैसे ही खेल दोबारा शुरू हुआ, बीबीसी की कमेंटेटर एलिसन मिशेल ने बड़ा खुलासा किया-आकाश की डिलीवरी बैकफुट नो-बॉल थी, जिसे अंपायरों ने नहीं पकड़ा।


क्या कहता है ICC का नियम?

MCC के लॉ 21.5 के मुताबिक:

  • गेंदबाज़ के बैकफुट को रिटर्न क्रीज के अंदर रहना चाहिए।
  • अगर बैकफुट क्रीज को छूता भी है या बाहर चला जाता है, तो नो-बॉल घोषित करनी होती है।
  • वहीं, फ्रंटफुट नो-बॉल का ध्यान आमतौर पर ऑन-फील्ड अंपायर रखते हैं। लेकिन बैकफुट नो-बॉल का पता लगाना मुश्किल होता है क्योंकि गेंदबाज का पैर अंपायर के पीछे या बगल में होता है।

इसीलिए थर्ड अंपायर को बैकफुट नो-बॉल की निगरानी के लिए ज़िम्मेदार बनाया गया है। लेकिन इस मामले में न ऑन-फील्ड और न ही थर्ड अंपायर ने इसे पकड़ा। एलिसन ने BBC TMS पर कहा, 'आकाश दीप की डिलीवरी बैकफुट क्रीज से करीब दो इंच बाहर थी। यह साफ़ तौर पर नो-बॉल थी, लेकिन किसी ने नहीं रोका।'

क्यों उठे सवाल?

इस तरह की चूक से न सिर्फ मैच की दिशा बदल सकती है, बल्कि टीम का मनोबल भी प्रभावित होता है। इंग्लैंड के लिए रूट का विकेट अहम था, और अगर ये नो-बॉल होता, तो मैच का समीकरण कुछ और हो सकता था।

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