akash deep: 'मैं कैसे 5 टेस्ट खेल पाऊंगा...'आकाश दीप को इंग्लैंड दौरे पर क्यों सता रहा था डर?

आकाश दीप ने कैसे इंग्लैंड में सफलता पाई।
भारत के तेज गेंदबाज आकाश दीप ने इंग्लैंड दौरे पर न सिर्फ गेंद से बल्कि हिम्मत और जज्बे से भी सबका दिल जीत लिया। पांच टेस्ट मैचों की कड़ी चुनौती से पहले उनके मन में एक ही सवाल था कि कैसे बचूंगा पांच टेस्ट क्योंकि उस वक्त उनका जीवन क्रिकेट से कहीं ज्यादा बहन ज्योति की कैंसर से चल रही लड़ाई पर था।
दो महीने से ज्यादा अस्पताल में दिन-रात बहन की देखभाल, बिगड़ा खानपान और नींद, टूटी-फूटी ट्रेनिंग के कारण क्रिकेट उस दौर में पीछे छूट गया था। लेकिन जब उन्होंने सीरीज़ के पहले मैच में 10 विकेट लिए और उसे बहन को समर्पित किया, तो पूरा देश भावुक हो उठा।
आकाशदीप ने इंग्लैंड में गाड़े सफलता के झंडे
आकाश दीप की कहानी संघर्ष से भरी है। बिहार के सासाराम में जन्मे आकाश ने 150 स्क्वायर फीट के कमरे में आठ लोगों के साथ रहकर क्रिकेट का सपना जिया। कभी क्लब क्रिकेट खेलने के लिए लेबू चाय (नींबू चाय) पर दिन गुजारे, कभी रिश्तेदारों के घर रुककर मौके तलाशे। पिता और भाई को कुछ ही महीनों में खोने का दर्द भी सहा है। फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने कहा कि थोड़ी सी भी खुशी मिले तो मुस्कुराना जरूरी है। यही सोच उन्हें आगे बढ़ाती रही।
इंग्लैंड दौरे की अहम यादें
बर्मिंघम में जो रूट का विकेट उन्हें आज भी सपनों जैसा लगता है। गेंद पहले अंदर आती दिखी, फिर हल्की सी बाहर निकली और सीधा ऑफ स्टंप उखाड़ दिया। आकाश कहते हैं, 'मैंने जैसे सोचा था, वैसे ही आउट किया।'
ओवल टेस्ट में उनकी 66 रन की पारी भी यादगार रही। बतौर नाइटवॉचमैन उतरे आकाश ने यशस्वी जायसवाल के साथ 107 रन की साझेदारी की और भारत को जीत की राह पर ला खड़ा किया। मज़ाक में टीममेट्स उन्हें चिढ़ाते थे कि कभी तो 10-20 रन बना दो लेकिन इस पारी के बाद सभी चुप हो गए।
इंग्लैंड से लौटकर आकाश दीप ने सासाराम में अपनी एबी क्रिकेट अकादमी का दौरा किया। उनका सपना है कि आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को भी क्रिकेट के सपने पूरे करने का मौका मिले। मैंने तय किया है कि पैसों की कमी कभी भी टैलेंट के रास्ते की रुकावट नहीं बनेगी।
फिलहाल आकाश दीप बेंगलुरु के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में वेस्टइंडीज़ सीरीज़ की तैयारी कर रहे हैं। इस बार उनके पास मानसिक सुकून और ट्रेनिंग का समय है। अब वे सिर्फ खेल पर ध्यान देना चाहते हैं।
