टेस्ट से विराट का अलविदा: गांगुली से टकराव और कप्तानी विवाद ने कैसे बदली कोहली की दिशा?

virat kohli vs Ganguly: भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल बल्लेबाजों में से एक, विराट कोहली ने अचानक टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहकर फैंस और क्रिकेट एक्सपर्ट्स को चौंका दिया। इंग्लैंड के खिलाफ जून में शुरू होने वाली बड़ी टेस्ट सीरीज से पहले इस फैसले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। लेकिन अगर बीते चार-पांच सालों की घटनाओं को गौर से देखें, तो कोहली के इस फैसले की जड़ें कहीं गहरी दिखती हैं- BCCI और खासकर सौरव गांगुली के साथ उनके टकराव में।
विराट कोहली ने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था और जल्द ही इस फॉर्मेट में खुद को साबित कर दिया। 123 टेस्ट में 9230 रन, औसत 46.85, 30 शतक और सात डबल सेंचुरी- ये आंकड़े कोहली की टेस्ट क्रिकेट में महानता की कहानी कहते हैं। 2015 से 2019 तक कोहली ने टेस्ट क्रिकेट पर राज किया। ऑस्ट्रेलिया हो या इंग्लैंड, सभी गेंदबाज़ उनकी आक्रामक बल्लेबाज़ी के आगे बेबस नजर आए।
2021 के बाद बदली कोहली के करियर की तस्वीर
2021 के बाद कोहली का बल्ला शांत पड़ने लगा। सिर्फ 4 शतक, औसत गिरावट और आत्मविश्वास में कमी। इसकी वजह सिर्फ फॉर्म नहीं, बल्कि BCCI के साथ उनका विवाद भी रहा, खासकर सौरव गांगुली के साथ। विवाद की शुरुआत तब हुई जब कोहली ने T20I की कप्तानी छोड़ने का फैसला किया। उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर बयान जारी कर बताया कि वो थकान के चलते यह फैसला ले रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वो ODI और टेस्ट कप्तान बने रहना चाहते हैं। लेकिन कुछ हफ्तों बाद BCCI ने अचानक एक प्रेस रिलीज में घोषित कर दिया कि रोहित शर्मा भारत के नए वनडे कप्तान होंगे। कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं, कोई बातचीत नहीं।
जब आमने-सामने आए कोहली-गांगुली
BCCI के तत्कालीन अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा कि उन्होंने विराट से T20I कप्तानी न छोड़ने की अपील की थी, लेकिन कोहली नहीं माने। लेकिन कोहली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीधे कहा, 'मुझसे कभी नहीं कहा गया कि T20 कप्तानी मत छोड़ो।'उन्होंने यह भी खुलासा किया था कि उन्हें सिर्फ 1.5 घंटे पहले बताया गया कि वो वनडे कप्तान नहीं रहेंगे। यह BCCI की कम्युनिकेशन फेलियर का सबसे बड़ा उदाहरण बन गया।
IPL तक पहुँचा विवाद
गांगुली और कोहली का विवाद सिर्फ इंटरनेशनल क्रिकेट तक सीमित नहीं रहा। IPL 2023 में RCB और DC के बीच मैच में जब कोहली और गांगुली आमने-सामने आए, तो दोनों ने एक-दूसरे से हाथ मिलाना तक ज़रूरी नहीं समझा। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुए और दोनों के अनफॉलो करने की खबरें भी चर्चा में रहीं।
मानसिक दबाव और बदलाव
इन विवादों के बाद कोहली का बर्ताव भी बदल गया। वो मैदान पर पहले की तरह आक्रामक नहीं दिखे, स्लेजिंग और आंखों में आंख डालकर चुनौती देना कम हो गया। फॉर्म भी लगातार गिरती गई। 2022 में एशिया कप में अफगानिस्तान के खिलाफ उनका पहला T20I शतक ज़रूर आया, लेकिन टेस्ट में उनका जलवा फिर कभी वापस नहीं आया।
कोहली का टेस्ट से जाना भारतीय क्रिकेट के लिए एक युग का अंत है। लेकिन अगर पिछले कुछ सालों की उथल-पुथल देखें, तो यह फैसला उनके लिए एक मानसिक राहत का जरिया भी हो सकता है।अब सवाल ये है कि क्या विराट फिर से खुद को नई भूमिका में खोज पाएंगे, या यह उनका आखिरी बड़ा पड़ाव था?