Handshake controversy: 'इंग्लैंड का बल्लेबाज होता तो ऐसा करते...' हैंडशेक विवाद पर गौतम गंभीर ने स्टोक्स की लगाई क्लास

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Handshake controversy: गौतम गंभीर ने हैंडशेक विवाद पर बेन स्टोक्स पर सवाल उठाए। 

Gautam Gambhir on ben Stokes Handshake controversy: टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर ने मैनचेस्टर टेस्ट में हैंडशेक पर हो रहे विवाद पर इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स की क्लास लगा दी। उन्होंने कहा कि अगर कोई इंग्लैंड का बल्लेबाज 90 रन पर खेल रहा होता तो क्या स्टोक्स उसे वापस बुला लेते।

Gautam Gambhir on ben Stokes Handshake controversy: भारत और इंग्लैंड के बीच मैनचेस्टर टेस्ट का अंत विवादास्पद अंदाज में हुआ। जब भारत मैच को ड्रॉ की दहलीज पर ले जा चुका था और क्रीज पर रवींद्र जडेजा 89 और वॉशिंगटन सुंदर 80 रन पर टिके थे, तभी इंग्लैंड कप्तान बेन स्टोक्स ने मैच खत्म करने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन भारतीय बल्लेबाजों ने स्टोक्स के इस ऑफर को ठुकराया दिया था।

इसका कारण साफ था कि जडेजा और सुंदर दोनों अपने शतक की ओर बढ़ रहे थे और टीम इंडिया ने नियमों तहत ही खेल जारी रखने का फैसला किया। हालांकि, इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स को ये फैसला पसंद नहीं आया और वो भड़क गए।

स्टोक्स की नाराजगी का एक वीडियो वायरल हो रहा, जिसमें स्टोक्स जडेजा से ये कहते दिख रहे कि क्या तुम हैरी ब्रूक के खिलाफ शतक बनाना चाहते हो? जडेजा ने अपना आपा नहीं खोया और मुस्कुराते हुए जवाब किया कि मैं इस पर कुछ नहीं कर सकता।

जडेजा और स्टोक्स की हैंडशेक को लेकर हुई बहस

इसके बाद इंग्लैंड ने गेंदबाजी में बदलाव किया और हैरी ब्रूक को गेंद थमा दी, जो नियमित गेंदबाज नहीं हैं। जडेजा ने इस मौके का पूरा फायदा उठाया और ब्रूक को छक्का मारते हुए अपना शतक पूरा किया।

क्या इंग्लैंड का बैटर होता तो स्टोक्स ऐसा करते: गंभीर

मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत के हेड कोच गौतम गंभीर ने भी इंग्लैंड के इस रुख पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, 'अगर इंग्लैंड का कोई खिलाड़ी 90 और 85 रन पर खेल रहा होता तो क्या स्टोक्स खेल रोकते? ये दोनों खिलाड़ी (जडेजा और सुंदर) मैच बचाने के लिए डटे रहे, उन्हें उनके शतक का हक था।' गंभीर ने कहा कि स्टोक्स की सोच अलग हो सकती है लेकिन खिलाड़ियों का मनोबल और मेहनत भी मायने रखती है।

crदरअसल, भारत ने इस टेस्ट में पहली पारी में 311 रन से पिछड़ने के बाद शानदार वापसी की और चौथे दिन के अंत तक मैच को ड्रॉ कराने की स्थिति में ला दिया। जडेजा और सुंदर की साझेदारी ने इंग्लैंड के हर हमले को झेला और अंत में आत्मविश्वास से भरपूर बल्लेबाजी की। भले ही मैच ड्रॉ रहा, लेकिन जडेजा और सुंदर ने दिखा दिया कि भारतीय बल्लेबाज सिर्फ बचने के लिए नहीं, इज्जत के लिए भी खेलते हैं और हैंडशेक विवाद के बाद आखिरी टेस्ट का रोमांच और बढ़ गया है।

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