Rohit-Virat: सेलेक्टर्स ने कैसे एक फॉर्मेट खेलने वाले रोहित-विराट की फॉर्म और फिटनेस जांची? पूर्व चीफ सेलेक्टर ने उठाए सवाल

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रोहित शर्मा और विराट कोहली के वनडे टीम में चुने जाने पर पूर्व चीफ सेलेक्टर ने सवाल उठाए। 

पूर्व चीफ सेलेक्टर दिलीप वेंगसकर ने पूछा है कि सिर्फ एक फॉर्मेट खेलने वाले रोहित शर्मा और विराट कोहली की फिटनेस और फॉर्म का आकलन कैसे हुआ? उन्होंने कहा कि अब समय है कि सेलेक्टर्स भविष्य को ध्यान में रखकर निर्णय लें।

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और चीफ सेलेक्टर दिलीप वेंगसरकर ने रोहित शर्मा और विराट कोहली की वनडे टीम में चयन पर बड़ा सवाल खड़ा किया है। वेंगसरकर ने कहा कि जब दोनों दिग्गज टेस्ट और टी20 नहीं खेल रहे हैं, तो उनकी फिटनेस और फॉर्म का सही अंदाजा लगाना मुश्किल है।

वेंगसरकर ने मिड-डे से बातचीत में कहा, जब कोई खिलाड़ी केवल एक फॉर्मेट खेलता है, और वह भी साल में बहुत कम बार, तो उसकी फॉर्म और फिटनेस को जाँचना आसान नहीं होता। चूंकि दोनों को ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए टीम में चुना गया है, शायद चयनकर्ताओं ने कुछ आकलन किया होगा, लेकिन मुझे समझ नहीं आता कैसे।'

रोहित-विराट का फॉर्म कैसे परखा: वेंगसरकर

उन्होंने आगे कहा कि अब भारतीय क्रिकेट के भविष्य को देखते हुए चयनकर्ताओं को फैसला लेना होगा कि वे अनुभव के साथ जाएंगे या नई शुरुआत करेंगे।

वेंगसरकर ने कहा, 'रोहित और विराट दोनों ही भारतीय क्रिकेट के महान खिलाड़ी रहे हैं। उन्होंने देश के लिए कई मैच जिताए हैं। लेकिन अब वे केवल एक फॉर्मेट में खेलते हैं। ऐसे में जरूरी है कि चयनकर्ता तय करें कि क्या उन्हें इन्हीं पर भरोसा रखना है या फिर उन खिलाड़ियों को मौका देना है जो सभी फॉर्मेट में उपलब्ध हैं।'

'गिल को बागडोर सौंप दी जानी चाहिए'

वेंगसरकर ने यह भी कहा कि शुभमन गिल को अब टीम की बागडोर दी जानी चाहिए।उन्होंने कहा, 'मेरे हिसाब से गिल वनडे और टेस्ट दोनों टीमों के लिए सबसे सही कप्तान हैं, क्योंकि वे टी20 में भी अच्छा प्रदर्शन करते हैं। उन्हें अब जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।'

इसी मुद्दे पर भारत के पूर्व दिग्गज सुनील गावस्कर ने भी चयन नीति पर राय दी। उन्होंने कहा कि सिर्फ कुछ वनडे खेलने से खिलाड़ियों की तैयारी पूरी नहीं हो सकती।

गावस्कर ने कहा, 'आने वाले दो साल में टीम इंडिया बहुत ज्यादा वनडे नहीं खेलेगी। किसी खिलाड़ी के लिए सिर्फ 7-8 वनडे में अपनी फॉर्म और रिदम बनाए रखना आसान नहीं है। ऐसे में रोहित और विराट जैसे खिलाड़ियों को विजय हजारे ट्रॉफी जैसे घरेलू टूर्नामेंट खेलने होंगे ताकि वे मैच प्रैक्टिस में रहें।'

गावस्कर ने यह भी कहा कि अगर खिलाड़ी सिर्फ कुछ सफेद गेंद वाले मैच खेल रहे हैं, तो उन्हें घरेलू क्रिकेट में उतरना चाहिए ताकि फिटनेस और लय बरकरार रहे।

रोहित शर्मा 2027 विश्व कप तक 40 वर्ष के हो जाएंगे जबकि विराट कोहली 37 वर्ष के। ऐसे में दोनों के करियर का भविष्य अब चयनकर्ताओं की सोच पर निर्भर करेगा—क्या वे अनुभव को प्राथमिकता देंगे या नई पीढ़ी को मौका देंगे।

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