Sports update: BCCI अब नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल के दायरे में, भारतीय क्रिकेट बोर्ड के लिए क्या बदलेगा?

bcci National Sports Governance Bill: बीसीसीआई भी अब सरकार के अधीन आएगा।
BCCI National Sports Governance Bill: भारतीय खेल क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाते हुए केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को संसद में नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल पेश किया। यह ऐतिहासिक बिल देश के सभी नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशनों (NSFs) को पारदर्शिता, जवाबदेही और एथलीट्स की भलाई के दायरे में लाने के लिए लाया गया है। सबसे बड़ा झटका भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को लगा है, जिसे अब इस बिल के तहत सरकारी नियमों और गाइडलाइंस का पालन करना होगा, भले ही वह सरकार से फंडिंग न लेता हो।
अब तक BCCI खुद को एक स्वतंत्र संस्था मानता रहा है, क्योंकि उसे सरकार से कोई आर्थिक सहायता नहीं मिलती। हालांकि, नए बिल के तहत अब इसे स्वतः एक NSF (National Sports Federation) माना जाएगा। इसका मतलब ये हुआ कि अब बीसीसीआई को भी सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही से जुड़ी शर्तें माननी होंगी।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड, जो तमिलनाडु सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1975 के तहत रजिस्टर्ड है, अब कानून के दायरे में रहेगा। भले ही यह अंतरराष्ट्रीय और घरेलू स्तर पर क्रिकेट का संचालन करता है, अब उसे बाकी सभी नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन की तरह काम करना होगा।
बनेगा नेशनल स्पोर्ट्स बोर्ड
बिल के तहत एक नेशनल स्पोर्ट्स बोर्ड की स्थापना का प्रस्ताव है, जिसे खेल संघों की गड़बड़ियों, वित्तीय अनियमितताओं, और फर्जी चुनावों पर कार्रवाई करने का अधिकार होगा। अगर कोई महासंघ नियमों का पालन नहीं करता, तो बोर्ड उसे सस्पेंड भी कर सकेगा।
BCCI का जवाब- बिल का करेंगे अध्ययन
BCCI के सचिव देवजीत सैकिया और उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने बयान दिया है कि बोर्ड इस बिल का गहराई से अध्ययन करेगा और संसद में पेश होने के बाद ही अपना स्टैंड साफ करेगा।
ओलंपिक और भविष्य की बड़ी तैयारी
बिल का समय भी दिलचस्प है, क्योंकि क्रिकेट अब 2028 लॉस एंजिलस ओलंपिक में वापसी कर रहा और भारत सरकार 2036 ओलंपिक की मेज़बानी की तैयारी में भी जुटी है। ऐसे में सभी खेल महासंघों को एक सशक्त और जवाबदेह सिस्टम के तहत लाना जरूरी हो गया है।
