AUS vs ENG: 'स्निको को हटाओ...' इंग्लैंड के बाद ऑस्ट्रेलिया के साथ भी टेक्नोलॉजी ने किया खेल? विवाद पर ICC क्या करेगा

इंग्लैंड-ऑस्ट्रेलिया के बीच एडिलेड टेस्ट में स्निको तकनीक पर विवाद हो गया।
Ashes snickometer controversy: ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एडिलेड में खेले जा रहे तीसरे एशेज टेस्ट में स्निको तकनीक पर एक बार फिर विवाद हो गया। लगातार दूसरे दिन एज-डिटेक्शन सिस्टम की विश्वसनीयता पर सवाल उठे, तो ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क ने खुलकर नाराजगी जताई और स्निको को हटाने तक की मांग कर डाली। वहीं, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के सीईओ ने भी साफ कहा कि वे इस तकनीक से खुश नहीं और जवाब चाहते हैं।
विवाद की शुरुआत पहले दिन एलेक्स कैरी के मामले से हुई थी। इंग्लैंड ने कैरी के खिलाफ डीआरएस लिया था लेकिन स्निकोमीटर में एज नहीं दिखा। बाद में बीबीजी स्पोर्ट्स, जो स्निको का सप्लायर है ने माना कि ऑपरेटर की गलती के कारण गलत स्टंप माइक चुना गया। इसके बाद मैच रेफरी जेफ क्रो ने इंग्लैंड का रिव्यू दोबारा बहाल कर दिया। ईसीबी अब इस पूरे मामले में आईसीसी से प्रोटोकॉल और सिस्टम की समीक्षा की मांग करने जा रहा।
Cheating is in The Genes of Australians. England should file a complain against Cricket Australia for cheating and get these cheaters banned. Sandpaper Scandal, Jonny Bairstow Run Out and Snicko Cheating. Australia just can't win without cheating pic.twitter.com/2w8cjMECHq
— Aryan Goel (@Aryan42832Goel) December 17, 2025
स्निकोमीटर को लेकर हो रहा विवाद
दूसरे दिन ऑस्ट्रेलिया खुद स्निको तकनीक से खफा नजर आया। पैट कमिंस की गेंद पर जैमी स्मिथ के खिलाफ पहली स्लिप में उस्मान ख्वाजा का कैच चेक हुआ। ऑन-फील्ड अंपायरों ने थर्ड अंपायर क्रिस गैफनी से मदद मांगी। स्निकोमीटर पर ऐज देखने के बाद गैफनी ने कहा कि गेंद हेलमेट से लगी है जबकि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी मान रहे थे कि गेंद ग्लव्स से टकराई थी। फैसला नॉट आउट रहा और इसी पर स्टार्क का गुस्सा फूट पड़ा।
स्टार्क ने स्निको तकनीक को हटाने की मांग की
स्टार्क ने स्टंप माइक के पास खड़े होकर कहा, 'स्निकोमीटर को निकाल देना चाहिए। यह सबसे खराब तकनीक है। कल गलती की और आज फिर गलती कर दी।' उनकी यह टिप्पणी लाइव माइक में कैद हो गई और सोशल मीडिया पर वायरल हुई।
MITCHELL STARC ON THE STUMPS MIC:
— Mufaddal Vohra (@mufaddal_vohra) December 18, 2025
"Snicko needs to be sacked. That's the worst technology there is. They made a mistake the other day and made another today". pic.twitter.com/Pz9eJ9YYr7
जैमी स्मिथ के कैच को लेकर हुआ बवाल
विडंबना यह रही कि दो ओवर बाद जैमी स्मिथ को कमिंस की गेंद पर कैच आउट दे दिया गया जबकि स्निकोमीटर में स्पाइक गेंद बल्ले से निकलने के एक फ्रेम बाद दिखी। यह परमिशेबल (स्वीकार्य) एरर मार्जिन के अंदर था लेकिन स्मिथ खुद इस फैसले से निराश दिखे। इस बार भी ऑन-फील्ड अंपायर ने फैसला नहीं दिया था और मामला थर्ड अंपायर के पास गया।
Jamie Smith was clearly not out. We can clearly see spike appeared in Snicko after ball passed the bat. Poor Umpiring. Australia Cheating as always. Using third quality technology. Cheaters Remain Cheaters Forever. Ban Australia pic.twitter.com/zbPLEzhzlz
— Aryan Goel (@Aryan42832Goel) December 18, 2025
पूर्व दिग्गज अंपायर साइमन टॉफल ने आईसीसी के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि दो साल पहले सॉफ्ट सिग्नल हटाना गलत था। उन्होंने कहा, 'मैं अंपायरों को फैसले करते देखना चाहता हूं। तकनीक सहायक होनी चाहिए, विकल्प नहीं। आज संदेह की स्थिति में बल्लेबाज को फायदा मिल रहा है। खेल इससे बेहतर डिजर्व करता है।'
स्निको यानी रियल टाइम स्निकोमीटर, आईसीसी द्वारा लाइसेंस प्राप्त दो एज-डिटेक्शन तकनीकों में से एक है। दूसरी अल्ट्राएज है, जो हॉकआई की है और ज्यादा प्रचलित मानी जाती। किस तकनीक का इस्तेमाल होगा, यह होस्ट ब्रॉडकास्टर तय करता है और स्निकोमीटर को सस्ता विकल्प माना जाता है।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के सीईओ टॉड ग्रीनबर्ग ने SEN रेडियो से कहा, 'हम खुश नहीं हैं। यह काफी नहीं है और हमें भरोसा चाहिए कि ऐसा दोबारा नहीं होगा।' बदलाव आईसीसी की क्रिकेट कमेटी और सीईओ कमेटी की मंजूरी के बाद ही संभव हैं। आईसीसी ने इस पर टिप्पणी से इनकार किया है।
इंग्लैंड के बैटिंग कोच मार्कस ट्रेस्कोथिक ने कहा कि यह आदर्श स्थिति नहीं है और पर्दे के पीछे बैठे लोगों को इसे सुलझाना होगा। वहीं रिकी पोंटिंग ने स्निको को दूसरे देशों में इस्तेमाल होने वाली तकनीक से कमजोर बताया। नाथन लायन ने इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
