video: अर्जुन तेंदुलकर सगाई के बाद पहले मैच में ही चमके, पहली बॉल पर विकेट फिर खोला पंजा

Arjun tendulkar 5 wicket: सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन ने हाल ही में कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ द्वारा आयोजित डॉ. (कैप्टन) के. थिम्मप्पैया मेमोरियल टूर्नामेंट में अपनी ऑलराउंड क्षमता से सबको चौंका दिया। गोवा की ओर से खेलते हुए अर्जुन ने महाराष्ट्र के खिलाफ शानदार गेंदबाजी की और पांच विकेट झटके। इतना ही नहीं, उन्होंने 36 रन भी बनाए। बता दें कि अर्जुन की हाल ही में मुंबई के बिजनेसमैन रवि घई की पोती सानिया चंडोक से सगाई हुई है और इसके बाद पहले मैच में उतरे अर्जुन ने कहर बरपा दिया।
मुकाबले की पहली ही गेंद पर अर्जुन ने महाराष्ट्र के बल्लेबाज़ अनिरुद्ध साबले को पवेलियन भेजकर विपक्षी टीम को हिला दिया। इसके बाद अगले ओवर में महेश म्हास्के को एलबीडब्ल्यू कराकर गोवा को शानदार शुरुआत दिलाई। लगातार दो विकेट गिरने से महाराष्ट्र की बल्लेबाज़ी दबाव में आ गई।
अर्जुन ने 5 विकेट झटके
अर्जुन यहीं नहीं रुके। तीसरे विकेट के रूप में दिग्विजय पाटिल के स्टंप्स बिखेरते ही महाराष्ट्र की हालत और खराब हो गई। मेहुल पटेल ने 54 रनों की पारी खेलकर थोड़ी उम्मीद जगाई लेकिन 39वें ओवर में अर्जुन ने उन्हें भी चलता कर दिया। यह उनका चौथा विकेट था और महाराष्ट्र का 9वां। अंततः नादिम शेख को दीपराज गावंकर के हाथों कैच करवाकर अर्जुन ने अपनी पारी का पांचवां शिकार पूरा किया। महाराष्ट्र की पूरी टीम 136 रन पर सिमट गई।
Arjun Tendulkar Took Five Wicket in a Local Tournament after returning To The Cricket after 7 Month. pic.twitter.com/G7RWzxaGhI
— яιşнí. (@BellaDon_3z) September 10, 2025
बल्ले से भी दिखाया कमाल
गेंदबाजी में जलवा दिखाने के बाद अर्जुन ने बल्ले से भी टीम के लिए अहम योगदान दिया। नंबर 9 पर बल्लेबाज़ी करने उतरे अर्जुन ने 44 गेंदों पर 36 रन बनाए और गोवा को मज़बूत बढ़त दिलाई। उनके साथियों मोहिट रेडकर (58), अभिनव तेजराना (77) और दर्शन मिस्त्री (61) ने भी शानदार पारियां खेलीं।
करियर का नया मोड़
अर्जुन तेंदुलकर पहले महाराष्ट्र की ओर से घरेलू टी20 (सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी) में खेल चुके हैं। साल 2022 में वे गोवा चले गए। सात महीने के लंबे ब्रेक के बाद इस टूर्नामेंट में लौटकर उन्होंने अपने खेल से सभी का ध्यान खींचा है। इस प्रदर्शन से यह साफ हो गया है कि अर्जुन अब सिर्फ सचिन तेंदुलकर के बेटे भर नहीं, बल्कि खुद अपनी पहचान बनाने की राह पर हैं।
