सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट में बनाएं बेहतरीन कॅरियर, सैलरी लाखों में

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सॉफ्टवेयर उद्योग में डेवलपर की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंजीनियर एप्लिकेशन की डिजाइनिंग, डेवलपमेंट एक्टिविटी व एप्लिकेशन टेक्नोलॉजी यानी लैंग्वेज की प्रोग्रामिंग, असेंबलिंग और टूल्स डेवलपमेंट जैसी तमाम चीजों को डेवलप करने का काम करते हैं। पुराने हो चुके सॉफ्टवेयर एप्लिकेशंस में नए फंक्शन, स्पेसिफिकेशन, खामी व स्पीड पर काम करके उसे अपडेट रखने का काम भी इनका ही है। साथ ही ये बाजार की जरूरतों पर भी पैनी नजर रखते हैं।
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सॉफ्टवेयर उद्योग में स्किल्स लोगों की मांग लगातार बढ़ रही है। आम तौर पर सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट जॉब के लिए चार से पांच साल का अनुभव रखने वाले लोगों को कंपनियां तरजीह दे रही हैं। खासकर लैंग्वेजेस का ज्ञान होना चाहिए। इसके अलावा लिनक्स ओएस की जानकारी, ट्रबल शूटिंग व डी-बगिंग स्किल, डेटा स्ट्रक्चर और एल्गोरिदम की समझ-बूझ जरूरी है। ऐसे प्रोफेशनल्स से अच्छी कम्युनिकेशन स्किल और पारखी नजर रखने की अपेक्षा भी की जाती है।
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जो विद्यार्थी सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग या डेवलपमेंट के क्षेत्र में काम करने की इच्छा रखते हैं, वे प्रोग्रामिंग, कम्प्यूटर साइंस या सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग का कोर्स कर सकते हैं। इसके लिए साइंस स्ट्रीम के साथ ग्रेजुएट होना जरूरी है। सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में मास्टर्स डिग्री भी की जा सकती है। इसी तरह आप बीई, बीटेक, एमई, एमएस या एमटेक डिग्री हासिल करके भी इस प्रोफेशन में प्रवेश पा सकते हैं।
जॉब के अवसर
यदि जॉब मार्केट के ट्रैंड को देखा जाए, तो आने वाले वर्षों में सॉफ्टवेयर डेवलपर्स की मांग बनी रहेगी। ब्यूरो ऑफ लेबर के अनुसार, वर्ष 2018 तक सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में जॉब की संभावनाएं करीब 32 प्रतिशत तक बढ़ेंगीं। इंटरनेट व वेबसाइट्स के लिए एप्लिकेशंस की मांग की वजह से प्रोग्रामर्स के लिए भी यहां काफी संभावनाएं हैं। आप इस फील्ड में नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर, डाटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर, नेटवर्क प्रोग्रामर, टेस्टर, सिस्टम एनालिस्ट, बिजनेस एनालिस्ट, सिस्टम इंजीनियर, वेब डिजाइनर के अलावा टेक्निकल सपोर्ट आदि के रूप में जॉब पा सकते हैं।
सैलरी
इन सॉफ्टवेयर्स और टेक्नोलॉजी को विकसित करने वाले इंजीनियर्स की सैलरी भी काफी अच्छी होती है। कई बड़ी कंपनियों में इन्हें सैलरी और करियर ग्रोथ के साथ लोन, इंश्योरेंस और रीइंबर्समेंट जैसी ढेरों सहूलियतें मिलती हैं। अगर सैलरी स्ट्रक्चर की बात करें, तो इस फील्ड से जुड़े प्रोफेशनल्स को शुरूआती दौर में हर माह 25 से 40 हजार रुपए मिलते हैं। कुछ वर्षों का अनुभव हासिल करने के बाद सैलरी लाखों में हो सकती है।
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