गोरखपुर में मिले 3 हजार नरकंकाल, कुत्ते बना रहे थे अपना भोजन

गोरखपुर में मिले 3 हजार नरकंकाल, कुत्ते बना रहे थे अपना भोजन
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गोरखपुर में 2006 में ही पोस्टमार्टम हाउस रेलवे स्टेशन रोड से मेडिकल कॉलेज में चला गया था।

गोरखपुर. उत्तर प्रदेश में शवों के साथ खिलवाड़ का सिलसिला जारी है। उन्नाव के बाद अब गोरखपुर में पुराने पोस्टमार्टम हाउस के कुछ कमरों में प्लास्टिक और शीशे के जारों में कैद करीब तीन हजार डेड बॉडी के अंग (मौत का कारण स्पष्ट न होने पर डेड बॉडी से लीवर, किडनी, पैंक्रियाज और गॉल ब्लेडर जैसे अंगों को एक जार में प्रिर्जव कर लिया जाता है, इसे विसरा कहते हैं) और नरकंकाल मिले हैं। इस बीच, लखनऊ में भी लापरवाही सामने आई है। पता चला है कि 22 साल पुराने शरीर के अंग अब भी अलमारियों में बंद पड़े हैं। गोरखपुर में 2006 में ही पोस्टमार्टम हाउस रेलवे स्टेशन रोड से मेडिकल कॉलेज में चला गया था।

वहीं पर अब लाशों का पोस्टमार्टम किया जाता है। पुराने पोस्टमार्टम हाउस में पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का आलम एक बार फिर बेपरदा साबित हुआ। कुछ मानव अस्थियों, खोपड़ी और विसरों को खुले मैदान में एक पुराने लकड़ी के बॉक्स में रखा गया था। बरसात और ठंड में लकड़ियों के सड़ जाने से लकड़ी के बॉक्स में रखा गया अवशेष बाहर आ गया था। इसे आवारा कुत्ते अपना भोजन बना रहे थे।
मीडियाकर्मियों ने मौके पर पहुंचकर सारे दृश्य को अपने कैमरे में कैद करना शुरू किया। तभी किसी ने इसकी जानकारी पुलिस-प्रशासन के जिम्मेदारों को दे दी। प्रशासनिक अमले ने अपने मातहत कर्मचारियों के माध्यम से सबूत को जलाकर मिटाने की कोशिश की। बाद में उस पर पानी भी डाल दिया।
नीचे की स्लाइड्स में पढ़िए, घटना से जुड़ी बातों के बारे में-
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