उत्तराखंड: घर-परिवार तबाह, मलबे से निकले मां-बेटों के शव

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By - haribhoomi.com |21 Jun 2014 6:30 PM
जोरदार बारिश के दौरान आए भारी मलबे से सेमा गांव में कई और घर हुए हैं क्षतिग्रस्त।
गोपेश्वर. घाट ब्लॉक के सेमा गांव में शुक्रवार रात को हुई मूसलाधार बारिश से जमींदोज हुए मकान से संयुक्त खोजी दल ने शनिवार देर शाम मलबे से महिला और उनके दोनों बच्चों के शव बरामद कर लिए हैं। सुबह 11 बजे मौके पर पहुंची आईटीबीपी और एसडीआरएफ की खोजी टीमों ने मातबर सिंह के मकान के लेंटर को तोड़कर शवों को ढूंढने का कार्य शुरू किया।
हादसे की सूचना मिलने के बाद शनिवार को चमोली के एसडीएम अवधेश कुमार सिंह आईटीबीपी के जवान और एसडीआरएफ के खोजी दल के साथ मौके पर पहुंचे। दिनभर की कड़ी मशक्कत के बाद शाम छह बजे कमला देवी (37 वर्ष) पत्नी मातबर सिंह का शव मलबे से निकाल लिया गया। जबकि बाद में कुछ ही दूरी पर दोनों बच्चों हरेंद्र (10) और अभिषेक (6) के शव भी मलबे से निकाल लिए गए।
ग्रामीण सत्य प्रकाश नौटियाल और सुरेंद्र लाल का कहना है कि गांव के ऊपर मोलागाड-मटई मोटर मार्ग का निर्माण कार्य चल रहा था। भारी बारिश से सड़क कटिंग का मलबा और बोल्डर बारिश के पानी के रेले के साथ मातबर सिंह के मकान की ओर आया और उसे जमींदोज करता हुआ आगे बढ़ गया। यहीं पर एक अन्य मकान के पीछे की दीवार भी मलबे और बोल्डर आने से क्षतिग्रस्त हो गई।
हादसे का दुखद पहलू यह है कि पड़ोस के पठाली(स्लेट) की छत वाले मकानों में रह रहे लोग जहां मूसलाधार बारिश को देखते हुए पहले ही सुरक्षित स्थान पर चले गए थे, वहीं मातबर सिंह का परिवार अपने लेंटर वाले पक्के घर में ही सो रहा था। सड़क का मलबा सेमा गांव के गणेशपुर तोक के खेतों को भी तहस-नहस कर ग्रामीण सत्य प्रकाश नौटियाल, शांति प्रसाद नौटियाल, दिनेश प्रसाद, खिलपति नौटियाल, कमल सिंह और नंदन सिंह के मकानों में भी घुस गया जिससे रातभर गांव में अफरातफरी का माहौल रहा।
नीचे की स्लाइड्स में जानिए, पूरी तरह लापरवाही बरत रही सरकार-
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