शनि ने बदला घर, ढाई साल तक रहेगा मारामारी और महामारी का असर

शनि ने बदला घर, ढाई साल तक रहेगा मारामारी और महामारी का असर
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मंगल जो भूमि की समस्त सम्पदाओं का मालिक है की राशि में शनि का आगमन प्राकृतिक आपदाओं का स्पष्ट संकेत दे रहा है।
नई दिल्ली. 2 नवंबर 2014 को 20 बजकर 54 मिनट पर शनि देव अपने बासठ चंद्रमाओं के साथ मंगल की राशि वृश्चिक में प्रविष्ट हो गए। इस तारीख के बाद के लगभग ढाई वर्ष के इतिहास में अपनी नकारात्मक उपस्थिति दर्ज कराएंगे। सूर्य से छठा और बृहस्पति के बाद सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य पुत्र है और वैज्ञानिक इसे लोहा, निकल, सिलिकॉन, ऑक्सिजन, हाइड्रोजन और हीलियम इत्यादि से बना एक गैस जॉइंट मानते हैं, जहां हवा की गति 1800 किलोमीटर प्रतिघंटा है।
भूमि पुत्र मंगल जो कि शासन, सत्ता, शक्ति, उर्जा के साथ रियलिटी, सोना, खनिज इत्यादि का भी स्वामी है, उसकी राशि में शनि का प्रवेश अच्छे संकेत नहीं दे रहा है। शनि जिस भी राशि में जाते हैं, उस पर बेहद नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। ये जब 15 नवंबर 2011 को शुक्र की राशि तुला में आए तब से लेकर अब तक शुक्र के प्रभाव को बुरी तरह प्रभावित किया। फलस्वरूप जहां भारत में इन्होंने विजय माल्या से लेकर सुब्रतो रॉय तक को अपना शिकार बनाया वहीं शुक्र पर शनि के दबाव से शरीर के शुक्र पर भी अपना कहर बरपाया। फलस्वरूप बलात्कार की घटनाओं में हैरान औऱ परेशान कर देने वाली वृद्धि हुई। बलात्कार का इतना विकृत चेहरा पहले कभी समाज के सामने नहीं आया।
भूमि के बेटे भौम यानी मंगल जो भूमि की समस्त सम्पदाओं का मालिक है की राशि में शनि का आगमन प्राकृतिक आपदाओं का स्पष्ट संकेत दे रहा है। अगले ढाई वर्षों में प्रकृति का कहर, भूकंप, सुनामी तथा अन्य आपदाओं के साथ तमाम तरह की दुर्घटनाओं में वृद्धि के रूप में के रूप में देखने को मिल सकता है। मंगल जो कि शासन, शक्ति और सत्ता के भी मालिक हैं की राशि में शनिदेव प्रवेश टकराव, झगड़े और लहू के भूमि पर गिरने की ओर भी इशारा कर रहा है। यह स्थिति राष्ट्रों के टकराव के साथ राज्यों, समुदाय, जाति या परस्पर टकराव के रूप में भी नजर आ सकती है। कुछ बड़े राजनैतिक हस्तियों के पतन और पराभव की गाथा लिखी जाएगी, कुछ शासक अहंकारी हो जाएंगे।

नीचे की स्लाइड में जानिए, और क्या रहेगा प्रभाव-

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