SC ने रद्द किया IT ACT का सेक्शन 66A, फेसबुक और ट्विटर पर मिली ज्यादा आजादी

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By - haribhoomi.com |23 March 2015 6:30 PM
सोशल मीडिया में कमेंट की वजह से दो छात्राओं की गिरफ्तारी के बाद इस कानून को चुनौती दी गई थी।
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक कमेंट करने के मामले में लगाई जाने वाली आईटी एक्ट की धारा 66 A को रद्द कर दिया है। ज्ञात हो कि इस मसले पर लंबी सुनवाई के बाद 27 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
गौरतलब है कि सोशल मीडिया में कमेंट की वजह से दो छात्राओं की गिरफ्तारी के बाद इस कानून को चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ताओं ने सरकार पर इस कानून के दुरुपयोग का इल्जाम लगाया था।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने भी कई बार इस धारा पर सवाल उठाए थे। वहीं केंद्र सरकार ने एक्ट को बनाए रखने की वकालत करती आ रही थी। केंद्र ने कोर्ट में कहा था कि इस एक्ट का इस्तेमाल गंभीर मामलों में ही किया जाएगा। 2014 में केंद्र ने राज्यों को एडवाइज़री जारी कर कहा था कि ऐसे मामलों में बड़े पुलिस अफसरों की इजाजत के बगैर कार्रवाई न की जाए।
इस मामले में याचिकाकर्ता एक एनजीओ, मानवाधिकार संगठन और एक कानून का छात्र है। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि यह कानून अभिव्यक्ति के उनके मूल अधिकार का उल्लंघन करता है।
हालांकि सरकार ने इस याचिका के विरोध में कहा है कि यह एक्ट वैसे लोगों के लिए है जो सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक चीजें पोस्ट कर शांति को खतरा पहुंचाना चाहते हैं। सरकार ने कोर्ट में इस एक्ट के बचाव में यह दलील दी है कि क्योंकि इंटरनेट की पहुंच अब बहुत व्यापक हो चुकी है इसलिए इस माध्यम पर टीवी और प्रिंट माध्यम के मुकाबले ज्यादा नियमन होना चाहिए।
नीचे की स्लाइड्स में पढ़िए, सरकार का तर्क क्या था -
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