जजों की नियुक्ति पर केंद्र और SC में घमासान, पुरानी कॉलेजियम प्रणाली रहेगी

जजों की नियुक्ति पर केंद्र और SC में घमासान, पुरानी कॉलेजियम प्रणाली रहेगी
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24 न्यायालयों में 406 रिक्त जजों की नियुक्तियों पर बढ़ी चुनौती
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट द्वारा एनजेएसी को असंवैधानिक करार देने और पुरानी कॉलेजियम प्रणाली को बहाल करने के फैसले ने केंद्र सरकार के देश में की जा रही न्यायिक सुधार के प्रयास को झटका दिया है। यही कारण है कि सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों में जजों की नियुक्तियों को लेकर केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच कथित रार के बीच चार सौ जजों की नियुक्तियां फंसी हुई है।
केंद्र सरकार द्वारा जजों की नियुक्ति के लिए राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग के गठन की प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार देकर फिर से कॉलेजियम प्रणाली को बहाल कर दिया, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार आमने सामने हैं।
ऐसे में अभी यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि क्या देश में सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों में जजों की रिक्तियों को भरने के लिए केंद्र सरकार अगला कदम बढ़ाएगी या फिर पुराने कॉलेजियम प्रणाली के तहत ही जजों की नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू होगी।
केंद्र सरकार को भी कॉलेजियम द्वारा पेश की गई लगभग उन 120 सिफारिशों पर फैसला करने की चुनौती है, जो कॉलेजियम व्यवस्था हटाए जाने से पहले की हैं। इस व्यवस्था को गत 13 अप्रैल को राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग कानून के जरिए हटाया गया था। देश के 24 न्यायालयों में 406 रिक्त जजों की नियुक्तियों को भरने की चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं।

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