अदालतों में हिंदी को आधिकारिक भाषा बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगी राय

X
By - haribhoomi.com |19 Aug 2014 6:30 PM
किसी भी राज्य के राज्यपाल अपने यहां के हाई कोर्ट में किसी अन्य भाषा के इस्तेमाल का आदेश दे सकते हैं।
नई दिल्ली. अंग्रेजी के बजाय हिंदी को अदालती कामकाज की आधिकारिक भाषा बनाने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कानून मंत्रालय और गृह मंत्रालय को नोटिस जारी किया है। याचिका में कहा गया कि मुकदमे हारने या जीतने वालों को अंग्रेजी में लिखे गए फैसले बमुश्किल ही समझ में आते हैं। जस्टिस एच एल दत्तू और जस्टिस एस ए बोबडे की बेंच ने वकील शिवसागर तिवारी की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में अंग्रेजी ही आधिकारिक भाषा है। किसी भी राज्य के राज्यपाल अपने यहां के हाई कोर्ट में किसी अन्य भाषा के इस्तेमाल का आदेश दे सकते हैं। निचली अदालतों में हिंदी या अन्य भारतीय भाषाओं का खूब इस्तेमाल होता है। याचिका में दावा किया गया कि स्वतंत्र भारत के शुरुआती 15 वर्षों के लिए ही अंग्रेजी को आधिकारिक भाषा के रूप में इस्तेमाल करने की बात की गई थी और उसके बाद हिंदी को यह दर्जा मिलना था, लेकिन अब तक इस दिशा में कुछ भी नहीं किया गया है। याचिका में मांग की गई कि देश के सभी हाई कोर्टों और सुप्रीम कोर्ट में देवनागरी लिपि में हिंदी को अपनाया जाए।
उत्तर प्रदेश निवासी 75 वर्षीय तिवारी ने संविधान के अनुच्छेद 349 का हवाला दिया, जिसके मुताबिक सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में अंग्रेजी को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है। तिवारी ने याचिका में कहा, इसके कारण वादियों को मजबूरन अंग्रेजी का इस्तेमाल करना पड़ता है। सुप्रीम कोर्ट में फैसले अंग्रेजी में सुनाए जाते हैं। विदेशी भाषा में सुनाए गए फैसले वादियों को समझ में नहीं आते हैं, भले ही वे कितने भी पढ़े-लिखे हों क्योंकि विदेशी भाषा की तासीर ही कुछ ऐसी है। उन्होंने दलील दी, 'इंसाफ का तकाजा यही है कि जो भी निर्णय हो, वह वादी की समझ में आना चाहिए।
नीचे की स्लाइड्स में पढ़िए, याचिका में पाकिस्तान,बांग्लादेश आदि देशों की अदालतों का दिया गया है उदाहरण-
खबरों की अपडेट पाने के लिए लाइक करें हमारे इस फेसबुक पेज को फेसबुक हरिभूमि और हमें फॉलो करें ट्विटर पर-
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App
Next Story
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS