स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के लिए चीन से आएंगे पीतल के 25 हजार टुकड़े

स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के लिए चीन से आएंगे पीतल के 25 हजार टुकड़े
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एल एंड टी कंपनी ने चीन से तकरीबन 25,000 पीतल के टुकड़े लिए हैं।
नई दिल्ली. गुजरात में बनने वाली सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची मूर्ति 'स्टेच्यू ऑफ यूनिटी' के निर्माण के लिए 25 हजार पीतल के टुकड़े चीन से आयात किए जाएंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रतिमा के पीतल के भागों को चीन की एक फाउंड्री में बनाया जाएगा। इसके साथ ही चीन से कुछ दिनों में हजारों मजदूर भी इसके निर्माण के लिए आएंगे। स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी प्रोजेक्‍ट के जरिए देश को ‘एक सूत्र में बांधने’ के लिए की गई सांकेतिक पहल है।
इस मामले को लेकर विरोधी पार्टियों ने गुजरात सरकार के साथ केंद्र सरकार की भी आलोचना की है। गुजरात सरकार ने कहा कि चीनी कंपनी के कॉंट्रेक्टर प्रतिमा के लिए मैटीरियल कंहा से लेकर आएंगे इसके लिए किसी प्रकार का कोई नियंत्रण नहीं है। हालांकि पहले यह ख़बरें आई थी कि प्रतिमा के लिए देश की जनता द्वारा दान किया पीतल इस्तेमाल किया जाएगा। इसके पीछे का मकसद देश में एकता लाना बताया जा रहा था।
लारसन एंड टर्बो के पास है बनाने का टेंडर-
बता दें कि लारसन एंड टर्बो (एल एंड टी) कंपनी ने गुजरात सरकार से 3000 करोड़ में इस प्रतिमा को बनवाने का कॉंट्रेक्ट किया था। इसके लिए कंपनी ने प्रतिमा का आवरण बनाने का काम टी क्यू आर्ट फाउंड्री को सौंपा है जो चीन के नेंचाग में स्थित जियांगसी टोकीन कंपनी का हिस्सा है। चीन से इन कर्मियों को इसलिए भी बुलाया जा रहा ताकि वे एल एंड टी कंपनी की प्रतिमा का कोर मजबूत बनाने में सहायता कर सकें। कोर को कंक्रीट से तैयार किया जाएगा जिसके उपर यह भारी भरकम प्रतिमा खड़ी की जाएगी।
दूसरी ओर सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट (SVPRET) का कहना है कि मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के आदेश पर एक स्पेशल समुद्री जहाज को प्रतिमा के तैयार किए गए हिस्से लेने के लिए चीन भेजा जा चुका है। बाद में उन्हें देश में लाकर जोड़ने का काम किया जाएगा। ट्रस्ट के सचिव के श्रीनिवास ने यह भी बताया कि एल एंड टी कंपनी ने चीन से तकरीबन 25,000 पीतल के टुकड़े लिए हैं। इस बाबत जियांगसी में स्थित कंपनी से भी जानकारी लेने की कोशिश की गई लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं मिल पाया।
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