पंच केदार रूद्रनाथ मंदिर के कपाट श्राद्धालुओं के खुले, होगें मुखाकृति के दर्शन
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By - haribhoomi.com |19 May 2014 12:00 AM IST
यहां पर पाडवों को भगवान शिव ने मुखारबिन्द के दर्शन दिए थे।
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गोपेश्वर. तीर्थयात्रियों के लिए श्री रूद्रनाथ मंदिर के कपाट रविवार को खोल दिए गए। सुबह के वक्त मंदिर के पुजारियों ने कपाट खोलने की परंपरा पूरी की। इस दौरान हुई अखंड ज्योति और समाधिपूजा में कई तीर्थयात्री शामिल हुए। इसके बाद सभी ने रूद्रनाथ भगवान की मुखाकृति के दर्शन किए। रूद्रनाथ की उत्सव डोली 22 किलोमीटर की पदयात्रा करके शनिवार शाम मंदिर परिसर में पहुंची। इसके बाद कपाट खोलने की तैयारी शुरू की गई। गौरतलब है कि रूद्रनाथ पंचकेदार शृंखला का सबसे दुर्गम तीर्थ स्थल माना जाता है। चमोली जिले के सगर और मण्डल कस्बे से इस मंदिर की पैदल तीथ्रयात्रा शुरू होती है, जो कि 22 किलोमीटर लंबी है। यात्रा में आधी से ज्यादा दूरी खड़ी चढ़ाई वाली है। सर्दी में बर्फ जम जाने के कारण यहां केवल गर्मियों के छह महीने ही पूजा होती है। यहां पर सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल के तीर्थयात्री पहुंचते हैं।
सारे विश्व में जहां प्रायः भगवान शिव की लिंग रूप में पूजा होती है वहीं पंच केदारों में एक भगवान रूद्रनाथ में ही केवल भगवान शिव की मुख की पूजा होती है। ऐसी मान्यता है कि यहां पर पाडवों को भगवान शिव ने मुखारबिन्द के दर्शन दिये थे। इस पावन तीर्थ रूद्रनाथ सड़क से 18 किलोमीटर की दूरी पर समुद्रतल से 2286 मीटर उंचाई पर लालमाटी पर्वत पर स्थित है। शीतकाल के बाद चारों धामों के कपाट खुलने के साथ ही भगवान श्री रूद्रनाथ के कपाट भी भक्तों के लिए खोल दिये गये है। कपाट खुलने के अवसर व उसके बाद यहां पर हजारों श्रद्धालुओं ने रूद्रनाथ की पूजा अर्चना व दर्शन कर अपना जीवन धन्य कर रहे है। मध्य हिमालय की गोद में स्थित पंच केदारों में अग्रणी मदमहेश्वर व रूद्रनाथ ही आज भी दुर्गम पर्वत पर स्थित है।
नीचे की स्लाइड्स में जानिए, चढ़ रहा भगवान शिव भक्तों पर आस्था का खुमार -
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