मंदिरों से हटाई जाएंगी साईं मूर्तियां, अयोध्या में बनेगा राममंदिर: धर्म संसद

मंदिरों से हटाई जाएंगी साईं मूर्तियां, अयोध्या में बनेगा राममंदिर: धर्म संसद
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स्वामी हरिगिरी ने माइक छीनकर धर्म संसद के मंच पर ऐलान कर दिया कि वे अभी से गौ हत्या के खिलाफ अमरण अनशन शुरू कर रहे हैं।
नई दिल्ली. धर्म संसद में संतों ने कई विवादास्पद फैसले लिए। छत्तीसगढ़ के कर्वधा में हुई धर्म संसद में संतों ने तय किया कि एक महीने के अंदर मंदिरों से साईं की मूर्तियां हटाई जाएंगी। साथ ही इसी अवधि में अयोध्या में राम मंदिर बनाने का भी प्रस्ताव पास किया है।
साईं को भगवान मानने की बहस के बीच धर्म संसद में साईं को गुरु या संत मानने से भी इनकार कर दिया। धर्म संसद की ओर से प्रस्ताव पास होने के बाद मंदिरों से साईं की मूर्तियां हटाने की प्रक्रिया कब शुरू होगी? इस पर अभी तक कोई फैसला नहीं किया गया है।
शिरडी के साईं बाबा को भगवान माने जाने की खिलाफत करने के लिए दो दिनों से कवर्धा में बैठी धर्म संसद में सोमवार को उस वक्त हंगामा खड़ा हो गया जब मंच पर एक साईं भक्त ने अपनी बात रखते हुए धर्म संसद के आयोजन के औचित्य पर सवाल खड़ा कर दिया। शंकराचार्य के अनुयायी साधु-संतों ने तकरीबन झूमाझटकी के हालात में उन्हें मंच से उतार दिया। हालांकि स्थिति बिगड़ते देख शंकराचार्य के निर्देश पर उस भक्त को मंच पर दुबारा बुला लिया गया।
साईं को भगवान माने जाने के विरोध को लेकर आहूत धर्म संसद के दूसरे दिन भी साईं ट्रस्ट के प्रतिनिधियों ने शिरकत नहीं की। इस बीच आयोजकों ने दिल्ली से आए अशोक कुमार और जितेन्द्र कुमार को साईं भक्त मान मंच पर स्थान दिया लेकिन इन दोनों भक्तों द्वारा साईं के पक्ष में कोई तथ्य नहीं रखे गए। इस बीच अचानक अहमदावाद से आए स्वामी मनुष्य मित्र ने आयोजकों से मंच पर साईं का पक्ष रखने के लिए समय दिए जाने का आग्रह किया। आयोजकों द्वारा उन्हें मंच से बोलने की अनुमति दी गई। जैसे ही साइर्ं भक्त स्वामी मनुष्य मित्र ने मंच को संबोधित करना शुरू किया वैसे ही धर्म संसद में खलबली मच गई। स्वामी मनुष्य मित्र ने सभा में साफ तौर पर कहा कि ऐसे धर्म संसद के आयोजनों से देश में हिन्दू दो भागों में विभाजित होंगे। उन्होंने धर्म संसद में आए साधु, संतों के समक्ष कहा कि धर्म संसद के बाद देश में शंकराचार्य गुट और साइर्ं गुट का उद्भव हो जायेगा।
उन्होंने कहा कि देश में कभी धर्म संसद का आयोजन तोड़ने के लिए नहीं हुआ है बल्कि हिन्दुओं को जोड़ने के लिए ऐसी संसद का आयोजन किया जाता है लेकिन पहली बार हिन्दू धर्म को तोड़ने के लिए संसद आहूत की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि धर्म संसद में साईं की खिलाफत में जितनी बातें कही जा रही हैं उतनी बातें गौ हत्या को रोकने के लिए की जाती तो शायद धर्म संसद अपने मूल उद्देश्यों पर सफल रहती। साइर्ं भक्त स्वामी मनुष्य मित्र ने जैसे ही ऐसी बातें रखीं अखाड़े से आए साधु, संतों ने विरोध करना शुरू कर दिया।
स्वामी हरिगिरी ने माइक छीनकर धर्म संसद के मंच पर ऐलान कर दिया कि वे अभी से गौ हत्या के खिलाफ अमरण अनशन शुरू कर रहे हैं। उन्होंने स्वामी मनुष्य मित्र को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि साधु संतों का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। इसके साथ ही दोनंो पक्षों में विवाद की स्थिति निर्मित हो गई। मंच पर बैठे आयोजकों ने साइर्ं भक्त स्वामी मनुष्य मित्र को मंच से बाहर निकाल दिया। इस दौरान उनके साथ धक्का मुक्की तथा झूमाझटकी भी की गई। मंच से नीचे उतारने के बाद धर्म संसद का माहौल बिगड़ गया। मंच से उतरते ही स्वामी मनुष्य मित्र ने आरोप लगाया कि उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गई है। हालांकि आयोजकों ने साफ तौर पर कहा कि जब हमने साई भक्तों को धर्म संसद में स्वम आमंत्रित किया है तो ऐसी धमकी क्यों देंगे।
नीचे की स्लाइड्स में पढ़िए, धर्म संसद में ये प्रस्ताव हुए पास-
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