Vinayak chaturthi 2025: विनायक चतुर्थी की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व

Vinayak chaturthi 2025
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28 जून 2025 को विनायक चतुर्थी पर करें गणेश जी की पूजा। जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत का महत्व। पुष्य नक्षत्र और हर्षण योग का संयोग।

Vinayak Chaturthi 2025: 28 जून 2025 को आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी व्रत रखा जाएगा। यह दिन भगवान गणेश की उपासना के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। धर्मशास्त्रों के अनुसार, किसी भी नए कार्य की शुरुआत से पहले गणपति पूजन करना आवश्यक होता है, क्योंकि वे विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता माने गए हैं।

विनायक चतुर्थी 2025 तिथि और योग

  • तिथि: आषाढ़ शुक्ल चतुर्थी
  • दिन: शनिवार, 28 जून 2025
  • विशेष योग: पुष्य नक्षत्र और हर्षण योग
  • इन शुभ योगों में की गई पूजा साधक के जीवन में सौभाग्य, सुख और शांति लाती है।

गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त

  • मध्याह्न पूजन का समय: सुबह 11:00 बजे से दोपहर 01:30 बजे तक
  • अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 से 12:48 मिनट तक
  • यह समय भगवान गणेश की आराधना और व्रत की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।

विनायक चतुर्थी पूजा विधि

  • प्रातःकाल स्नान के बाद साफ और शांत स्थान पर गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना करें।
  • हरें रंग के वस्त्र धारण करना शुभ होता है।
  • गणेश जी को गंगाजल से स्नान कराएं और चंदन का तिलक करें।
  • उन्हें 21 दूर्वा, अक्षत, पान, वस्त्र और पुष्प अर्पित करें।
  • दीप जलाकर "ॐ गण गणपतये नमः" मंत्र का जप करें।
  • भगवान गणेश को मोदक का भोग लगाएं—यह उनका प्रिय नैवेद्य है।
  • व्रत कथा पढ़ें और आरती करें।
  • अंत में प्रसाद को सभी में बांटें।

विनायक चतुर्थी व्रत का धार्मिक महत्व

  • यह व्रत विशेष रूप से संतान की लंबी उम्र, उत्तम स्वास्थ्य और पारिवारिक सुख की प्राप्ति के लिए रखा जाता है।
  • मान्यता है कि इस दिन उपवास करने और पूजा करने से जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और करियर में उन्नति के योग बनते हैं।
  • शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि केवल मोदक अर्पण से ही गणेश जी प्रसन्न हो जाते हैं।

विशेष ध्यान दें

  • पूजा में मन की पवित्रता और श्रद्धा सबसे जरूरी है।
  • इस दिन क्रोध, कटु भाषण और नकारात्मक सोच से दूरी बनाना चाहिए।
  • दान-पुण्य और जरूरतमंदों की मदद करना अत्यंत शुभ फलदायक माना गया है।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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