Vastu Tips: मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए घर पर इन नियमों का रखें विशेष ध्यान

Vastu Tips: हिंदू धर्म और वास्तु शास्त्र में झाड़ू को केवल सफाई का साधन नहीं, बल्कि धन और समृद्धि की प्रतीक माना गया है। मान्यता है कि झाड़ू में मां लक्ष्मी का वास होता है, इसलिए इसके उपयोग और रख-रखाव से जुड़े कुछ खास नियमों का पालन करना जरूरी होता है। अगर इन नियमों की अनदेखी की जाए, तो घर में आर्थिक तंगी और अशांति जैसे नकारात्मक प्रभाव दिखाई दे सकते हैं। यहां जानें झाड़ू से जुड़ी मान्यताएं।
झाड़ू रखने की सही दिशा
वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, झाड़ू को घर में दक्षिण-पश्चिम या पश्चिम दिशा में रखना सबसे उचित माना जाता है। यह दिशा स्थिरता और समृद्धि से जुड़ी होती है। झाड़ू को खुली जगह या मुख्य द्वार के पास रखने से नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश कर सकती है।
खड़ी या उलटी झाड़ू रखने से बचें
अक्सर देखा जाता है कि लोग झाड़ू को दीवार के सहारे खड़ा कर देते हैं या उपयोग के बाद लापरवाही से रख देते हैं। वास्तु शास्त्र में इसे अशुभ माना गया है। झाड़ू को हमेशा आड़ा करके, जमीन पर सलीके से रखना चाहिए और कोशिश करें कि वह किसी की नजर में न आए।
पुरानी झाड़ू का निष्क्रमण भी है खास
जब आप नई झाड़ू खरीदते हैं, तो पुरानी झाड़ू को फेंकते समय एक खास उपाय करने की सलाह दी जाती है। उस पुरानी झाड़ू की एक तील्ली को नई झाड़ू में जोड़ दें। ऐसा करने से कहा जाता है कि दरिद्रता आपके घर से दूर रहती है और समृद्धि बनी रहती है।
रात में झाड़ू चलाने से बचें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्यास्त के बाद झाड़ू लगाने से घर की लक्ष्मी बाहर निकल जाती है। इसलिए शाम के बाद झाड़ू न लगाना शुभ माना जाता है। अगर विशेष स्थिति में झाड़ू लगानी भी पड़े, तो उसे बहुत सावधानी से और शांत वातावरण में किया जाए।
झाड़ू से जुड़े विशेष टोटके
कुछ परंपरागत उपायों के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति को ऊपरी बाधा या नकारात्मक ऊर्जा का अनुभव हो रहा हो, तो मंगलवार या शनिवार की आधी रात के बाद झाड़ू को घर के चारों कोनों में घुमाकर, चुपचाप किसी चौराहे पर रख दिया जाए। लौटते समय पीछे मुड़कर न देखें। इसे गोपनीय और प्रभावशाली उपाय माना जाता है।
शनि को प्रसन्न करने के लिए करें झाड़ू का दान
शनिवार के दिन झाड़ू खरीदकर किसी सफाई कर्मचारी या जरूरतमंद व्यक्ति को दान करना शनि के अशुभ प्रभावों से बचाता है। खासतौर से शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या के दौरान इस उपाय को करने से जीवन की बाधाएं कम होने लगती हैं।
