Tulsi ke niyam: घर में लगी तुलसी से खुलेगा भाग्य!, जानें सही पूजा विधि

तुलसी
Tulsi ke niyam: तुलसी को हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र पौधा माना गया है। यह सिर्फ एक औषधीय पौधा नहीं, बल्कि श्रद्धा, भक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। धार्मिक ग्रंथों में तुलसी को देवी लक्ष्मी का स्वरूप बताया गया है और यह भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। यही कारण है कि अधिकांश हिन्दू परिवारों में तुलसी की प्रतिदिन पूजा की जाती है।
धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व
शास्त्रों के अनुसार, जिस घर में तुलसी का पौधा होता है, वहां देवी-देवताओं का निवास माना जाता है। तुलसी की नियमित पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि, शांति और सौभाग्य का वास होता है। सुबह तुलसी को जल चढ़ाना और शाम को दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना गया है। यह न केवल धार्मिक दृष्टि से पुण्यकारी है बल्कि वातावरण को भी शुद्ध रखता है।
तुलसी के प्रकार
तुलसी मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है- राम तुलसी (Rama Tulsi) और श्यामा तुलसी (Krishna Tulsi)।
राम तुलसी
पत्ते हल्के हरे और स्वाद में हल्के मीठे होते हैं। यह तुलसी भगवान विष्णु और भगवान राम को प्रिय है। घर में सुख-शांति और समृद्धि बढ़ाती है। मानसिक तनाव को कम करती है और वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा भरती है।
श्यामा तुलसी
पत्ते गहरे बैंगनी रंग के होते हैं और इसकी सुगंध अधिक तीव्र होती है। यह तुलसी भगवान कृष्ण को समर्पित मानी जाती है। औषधीय दृष्टि से अत्यंत प्रभावशाली सर्दी, खांसी, बुखार, अस्थमा, त्वचा रोगों में लाभकारी। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है और एकाग्रता में सुधार करती है।
घर में कौन सी तुलसी लगाना शुभ है?
- दोनों तुलसी अपने-अपने तरीके से शुभ फल देती हैं।
- विष्णु या लक्ष्मी भक्तों के लिए राम तुलसी श्रेष्ठ मानी जाती है।
- कृष्ण भक्तों के लिए श्यामा तुलसी लगाना शुभ होता है।
- वास्तु के अनुसार, किसी भी प्रकार की तुलसी घर में होना ही अत्यंत मंगलकारी है।
तुलसी लगाने का सही तरीका और दिशा
- तुलसी को गुरुवार या शुक्रवार के दिन लगाना शुभ होता है।
- कार्तिक मास या देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी रोपण का विशेष महत्व है।
- तुलसी का पौधा उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) में लगाना सबसे उत्तम माना गया है।
- पौधे को ऐसी जगह रखें जहां पर्याप्त धूप आए, परंतु तेज धूप या छाया से बचाव हो।
तुलसी की पूजा के नियम
- स्नान के बाद शुद्ध मन से तुलसी को जल चढ़ाएं।
- हर शाम सरसों के तेल या घी का दीपक जलाना शुभ माना जाता है।
- रविवार, एकादशी, द्वादशी, संक्रांति और सूर्यास्त के बाद तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए।
- प्रतिदिन तुलसी की 3 या 11 बार परिक्रमा करने से पापों का नाश होता है।
- तुलसी के पास जूते, झाड़ू या कचरा नहीं रखना चाहिए, यह अपवित्रता का संकेत है।
तुलसी से जुड़ी धार्मिक मान्यताएं
पुराणों के अनुसार तुलसी का विवाह भगवान विष्णु से हुआ था, इसलिए देवउठनी एकादशी के बाद तुलसी विवाह बड़ी श्रद्धा से मनाया जाता है। मान्यता है कि जो व्यक्ति तुलसी को जल चढ़ाता है, वह यमलोक के भय से मुक्त रहता है। तुलसी के नीचे दीपक जलाने से घर में दरिद्रता और रोगों का नाश होता है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।
