सावन का तीसरा सोमवार: बन रहे शुभ संयोग, यहां पढ़ें पूजा विधि, व्रत और नियम

Third Sawan Monday 2025: सावन महीने की शुरुआत 11 जुलाई से हो चुकी है। सावन में सोमवार का विशेष महत्व होता है। इस साल सावन में 4 सोमवार पड़ रहे हैं। 28 जुलाई को सावन का तीसरा सोमवार है, जिसे लेकर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह है। ज्योतिषाचार्य डॉक्टर मनीष गौतम जी महाराज से जानिए सावन के तीसरे सोमवार से जुड़े नियम।
शिवपुराण में तीसरे सोमवार की महिमा
शास्त्रों के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तप किया था। तीसरे सावन सोमवार के दिन उन्होंने विशेष उपवास और पूजा की थी, जिससे प्रसन्न होकर महादेव ने उन्हें अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया। यही कारण है कि यह सोमवार विशेष रूप से विवाह की कामनाओं के लिए शुभ माना जाता है।
विवाहित और अविवाहित महिलाओं के लिए फलदायी व्रत
तीसरे सोमवार के व्रत को लेकर मान्यता है कि विवाहित महिलाएं इस दिन उपवास कर शिव-पार्वती की पूजा करें, तो उन्हें अखंड सौभाग्य और वैवाहिक जीवन में स्थिरता प्राप्त होती है। कुंवारी कन्याएं अगर पूरी श्रद्धा से यह व्रत रखें, तो उन्हें इच्छित जीवनसाथी मिलता है। पुरुष भी इस व्रत को रखकर शिव कृपा से कष्टों से मुक्ति पा सकते हैं।
28 जुलाई को बन रहे हैं शुभ संयोग और योग
इस वर्ष तीसरे सोमवार को चतुर्थी तिथि, परिध योग, और पूर्व फाल्गुनी नक्षत्र का संयोग बन रहा है। साथ ही मंगल का कन्या राशि में गोचर भी हो रहा है, जिससे यह दिन और अधिक फलदायी हो जाता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, यह दिन जीवन की रुकावटों को दूर करने और सौभाग्य में वृद्धि के लिए अत्यंत उत्तम है।
इस विधि से करें तीसरे सोमवार की पूजा
सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
शिवलिंग का गंगाजल, दूध या मिश्री मिश्रित जल से अभिषेक करें।
शिवलिंग पर बेलपत्र, सफेद पुष्प, चावल और धतूरा अर्पित करें।
पूजा करते समय मंत्र “ॐ गौरीशंकराय नमः” या “ॐ नमः शिवाय” का जाप करते रहें।
दिनभर व्रत रखकर शिव की आराधना करें, शाम को शिव चालीसा का पाठ करें।
दीपक जलाकर शिव परिवार को समर्पित करें और शांति व समृद्धि की कामना करें।
भक्तों में उल्लास, मंदिरों में तैयारी
सावन के तीसरे सोमवार को लेकर देशभर के शिव मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की तैयारियां चल रही हैं। मंदिरों में रुद्राभिषेक, रात्रि जागरण, भजन संध्या और भव्य श्रृंगार का आयोजन किया जाएगा। हरिद्वार, उज्जैन, काशी, बैजनाथ और त्र्यंबकेश्वर जैसे तीर्थस्थानों पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है।
ध्यान रखें ये बातें
व्रत के दिन मन को पवित्र रखें और संयमित आचरण करें।
क्रोध, वाणी की कठोरता और नकारात्मक विचारों से बचें।
दान-दक्षिणा करना अत्यंत पुण्यदायी रहेगा।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।
अनिल कुमार
