Shani Amavasya 2025: इन गलतियों से बचें वरना हो सकता है शनि दोष!, जानें पूजन विधि

Shani Amavasya 2025
X
Shani Amavasya 2025: शनि अमावस्या 2025 की तिथि, पूजा विधि, महत्व और वो 5 गलतियां जिनसे बचना चाहिए वरना शनि दोष लग सकता है। जानें उपाय और दान का महत्व।

Shani Amavasya 2025: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है, लेकिन जब अमावस्या का दिन शनिवार को पड़ता है, तो इसे शनि अमावस्या कहा जाता है। इस दिन को पितृ तर्पण, दान-पुण्य, और शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। शनि अमावस्या का संयोग 2025 में अगस्त माह में बन रहा है, जो भक्तों के लिए बेहद फलदायक रहेगा। आइए जानते हैं इस दिन की तिथि, पूजा विधि और किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

शनि अमावस्या 2025 की तिथि और मुहूर्त

अमावस्या तिथि आरंभ: 22 अगस्त 2025, शुक्रवार, दोपहर 11:55 बजे

अमावस्या तिथि समाप्त: 23 अगस्त 2025, शनिवार, दोपहर 11:35 बजे

शनि अमावस्या व्रत और पूजन तिथि: 23 अगस्त 2025 (शनिवार)

इस दिन अमावस्या और शनिवार का शुभ संयोग बन रहा है, जिसे शनि अमावस्या कहा जाता है।

शनि अमावस्या का महत्व

शनि अमावस्या पर शनिदेव की पूजा, पितरों का तर्पण, और दान-पुण्य करना अत्यंत पुण्यदायी माना गया है।

इस दिन पितृ दोष, शनि साढ़ेसाती, या शनि महादशा से पीड़ित व्यक्ति यदि नियमपूर्वक उपवास और पूजन करता है, तो कष्टों से मुक्ति मिलती है।

इस दिन नदी स्नान, विशेषकर गंगा, यमुना या शनि तीर्थों में, और काले तिल व तेल का दान करना विशेष फलदायी होता है।

शनि अमावस्या की पूजा विधि (Puja Vidhi)

स्नान करें – सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठकर पवित्र नदी या गंगाजल मिलाकर स्नान करें।

शनिदेव का पूजन करें – शनिदेव की मूर्ति या तस्वीर को सरसों के तेल से स्नान कराएं, नीले फूल, काले तिल और काले वस्त्र अर्पित करें।

तिल और तेल का दान करें – लोहे के कटोरे में तेल डालकर उसमें अपना चेहरा देखकर शनिदेव को अर्पित करें।

पितृ तर्पण करें – तिल और जल से पितरों के लिए तर्पण करें।

भक्ति और मंत्र जाप करें

"ॐ शं शनैश्चराय नमः"

"नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्।

छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्॥"

इन 5 गलतियों से जरूर बचें

तेल या तिल न खरीदें

इस दिन तिल और सरसों का तेल खरीदना अशुभ माना गया है। दान करें लेकिन बाजार से खरीदने से बचें।

मांस, शराब और तामसिक भोजन से दूर रहें

इस दिन शुद्ध सात्विक भोजन करें। मांस, अंडा, मछली और शराब का सेवन शनि दोष को बढ़ा सकता है।

नमक की खरीदारी न करें

इस दिन नमक खरीदने से आर्थिक नुकसान हो सकता है और घर में दरिद्रता का वास हो सकता है।

बाल और नाखून न काटें

शनि अमावस्या के दिन बाल या नाखून काटना शुभ नहीं माना गया। यह अनजाने में शनि दोष को आमंत्रित कर सकता है।

विवाद, अपमान और क्रोध से बचें

बड़ों का अपमान, किसी से झगड़ा या अपशब्द शनिदेव को अप्रसन्न कर सकते हैं। संयम और विनम्रता बनाए रखें।

विशेष उपाय (Upay for Shani Dosh)

पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं।

काले कुत्ते, काली गाय या कौवे को भोजन कराएं।

शनि मंदिर जाकर तेल चढ़ाएं और शनि स्तोत्र का पाठ करें।

शनिदेव की प्रतिमा पर काला ऊनि वस्त्र चढ़ाएं।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।

अनिल कुमार

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story