Sawan 2025: जानिए शिव पूजन की विधि, शुभ योग और सोमवार व्रत का महत्त्व

Sawan 2025
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11 जुलाई से शुरू हो रहा है सावन मास। जानें भगवान शिव की पूजा विधि, सावन सोमवार व्रत का महत्त्व और शिव कृपा पाने के सरल उपाय, डॉ. मनीष गौतम से।

Sawan 2025: सावन महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। जिसमें भक्त विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा आराधना करते हैं। यह महीना स्वयं के आध्यात्मिक उत्थान, मनोकामना पूर्ति और शिव कृपा प्राप्त करने का बहुत ही शुभ समय माना जाता है। ज्योतिषाचार्य डॉक्टर मनीष गौतम के अनुसार सावन के महीने में पूरी तरह भगवान शिव की पूजा में लोग समर्पित रहते हैं। इस दौरान भक्त रोजाना भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा और अर्चना करते हैं।

सावन के सोमवार का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन शिव भक्त व्रत उपवास रखते हैं और शिवलिंग पर जल दूध बेलपत्र आदि अर्पित कर कर अभिषेक भी करते हैं। मान्यता है कि सावन सोमवार व्रत करने से भगवान शिव बहुत ही जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्त की इच्छा जरुर पूरी करते हैं।

देश के जाने-माने ज्योतिषी डॉक्टर मनीष गौतम ने बताया कि सनातन की परंपरा के अनुसार देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं और इस समय में सृष्टि का संरक्षण भगवान शिव के अंतर्गत आ जाता है। यह समय चातुर्मास कहलाता है, जो पूरी तरह धर्म, तप, व्रत और संयम का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में सावन का महीना आध्यात्मिक दृष्टि से बेहद ही इंपॉर्टेंट माना जाता है।

भगवान शिव की आराधना से जीवन की पूरी समस्याएं दूर हो जाती हैं और सुख शांति की प्राप्ति होती है। अब भक्तों को सावन का विशेष इंतजार रहता है। जब वह पूरे भक्ति भाव से भोलेनाथ की पूजन आराधना में तन मन से जुट जाते हैं।

11 जुलाई से शुरू हो रहा है सावन का महीना

वैदिक पंचांग के अनुसार इस वर्ष सावन का महीना 11 जुलाई 2025 से शुरू होगा। सनातन परंपरा में पूर्णिमा तिथि को विशेष मान्यता दी जाती है। इसी कारण श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि 11 जुलाई की रात 11:57 से आरंभ होकर 12 जुलाई की रात 2 बजकर 8 मिनट तक प्रतिपदा रहेगी और इसीलिए 11 जुलाई से सावन माह की शुरुआत मानी जा रही है।

सावन मास में रहेंगे विशेष योग

डॉ मनीष गौतम ने बताया कि इस बार सावन के शुरुआत से ही विशेष योग बन रहा है. जिसे शिव वास कहा जाता है। इस शुभ संयोग में भगवान शिव माता पार्वती के साथ कैलाश पर्वत में रहेंगे। ऐसी मान्यता है कि इस योग में शिव जी की पूजा और अभिषेक करने से शिव भक्तों को सौभाग्य सुख समृद्ध और मनचाहा वरदान अवश्य ही प्राप्त होता है। पूरे सावन में ऐसे कई योग बनेंगे, जिससे शिव भक्तों का विशेष रूप से कल्याण होगा।

शिव पूजन के 10 इजी स्टेप्स

सावन का महीना भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष एवं पवित्र माना जाता है। इस दौरान यदि सही विधि से भगवान शिव की पूजा की जाए तो भोलेनाथ बहुत जल्दी ही प्रसन्न होते हैं और भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

1 सर्वप्रथम गणेश जी का ध्यान करें।

2 शिवजी को तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं।

3 चांदी या पीतल के लोटे से गाय का दूध चढ़ाएं।

4 दूध, दही, घी, मिश्री और शहद मिलाकर पंचामृत चढ़ाएं।

5 शिवलिंग पर शुद्ध जल चढ़ाएं।

6 भगवान को भस्म से त्रिपुंड एवं चंदन लगाएं।

7 बेलपत्र, धतूरा, फूल सहित अन्य पूजन सामग्री शिवलिंग पर चढ़ाएं।

8 मीठा फल और पान का पत्ता चढ़ाएं।

9 धूप एवं दीप जलाकर आरती करें।

10 अंत में भगवान से क्षमा प्रार्थना करें एवं अपनी मनोकामना करें।

पूजा के बाद यथा शक्ति बंधु बांधवों को प्रसाद बांटे और खुद प्रसाद ग्रहण करें।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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