Radha Rani Aarti: राधाष्टमी पर जरूर पढ़ें राधा-रानी की आरती

Radha Rani Aarti: वृंदावन की गलियों में जब बांसुरी की मधुर धुन गूंजती है, तो हर भक्त के हृदय में बस एक ही नाम जागता है वो है राधा रानी। आज राधाष्टमी का पावन पर्व है जो राधा रानी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन राधा रानी की आरती करना मात्र मन को नहीं, बल्कि आत्मा को भी शुद्ध कर देता है। यहां राधा रानी की आरती।
आरती श्री राधा रानी की,
श्याम संग प्यारी, वृंदावन की।।
प्रेम भक्ति की तू है मूरत,
निज स्वरूप अनूपम सुंदर।।
आरती श्री राधा रानी की...॥
चरणों में तेरा प्रेम बसे,
भक्ति में मन मेरा रमे।
मोहन भी तुझसे लजाते,
तेरे नाम रटें सब गाते।।
आरती श्री राधा रानी की...॥
मोर मुकुट सिर पर शोभे,
गले में वैजयंती माला।
कर में कमल, दृष्टि करुणा,
सद्भाव की तू मिसाल।।
आरती श्री राधा रानी की...॥
यमुना तट पे कर तू वास,
तेरे बिना अधूरा रास।
कृष्ण के मन की तू रानी,
भक्तों की तू वरदानी।।
आरती श्री राधा रानी की...॥
राधे राधे जपे जो कोई,
उसका दुःख-संताप ना होई।
राधा नाम महिमा भारी,
सदा कृष्ण के संग प्यारी।।
आरती श्री राधा रानी की...॥
आरती के बाद यह प्रार्थना करें
"हे राधा रानी! हमें भी ऐसा निर्मल प्रेम और निष्काम भक्ति प्रदान करो, जैसा तुम्हारा श्रीकृष्ण के प्रति है। जय श्री राधे!"
