Putrada Ekadashi 2025: संतान की खुशहाली के लिए रखें पुत्रदा एकादशी व्रत, नोट करें सही डेट, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

पुत्रदा एकादशी व्रत पूजा विधि और महत्व
Putrada Ekadashi 2025: हर वर्ष श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाता है। यह व्रत विशेष रूप से संतान सुख की कामना और संतान की सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है। विवाहित दंपति इस दिन विधिपूर्वक उपवास रखकर संतान से संबंधित इच्छाओं की पूर्ति की कामना करते हैं। ज्योतिषाचार्य डॉक्टर मनीष गौतम जी महाराज से जानिए पुत्रदा एकादशी की कथा और पौराणिक महत्व के बारे में।
व्रत की तिथि और पूजा मुहूर्त
साल 2025 में पुत्रदा एकादशी का व्रत अगस्त माह में रखा जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण शुक्ल एकादशी तिथि की शुरुआत 4 अगस्त 2025 को सुबह 11:41 बजे से होगी और यह तिथि 5 अगस्त को दोपहर 1:12 बजे तक रहेगी। उदयातिथि को मान्यता दी जाती है, इस आधार पर व्रत 5 अगस्त 2025 को रखा जाएगा।
पुत्रदा एकादशी के दिन पूजा-पाठ के लिए विशेष मुहूर्त सुबह 5:45 से 11:23 तक का रहेगा। इस दौरान रवि योग बन रहा है। इस शुभ योग में व्रत एवं पूजन करना अत्यंत फलदायी माना गया है। व्रत का पारण अगले दिन, 6 अगस्त 2025 को द्वादशी तिथि में किया जाएगा।
पौराणिक कथा और महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पुत्रदा एकादशी का व्रत सबसे पहले राजा सुकेतुमान और रानी शैव्या ने किया था। दोनों संतानहीन थे और इस कारण अत्यंत दुःखी रहते थे। एक बार राजा ऋषियों के पास गए और उन्होंने पुत्र प्राप्ति की इच्छा प्रकट की। ऋषियों ने उन्हें पुत्रदा एकादशी व्रत करने की सलाह दी। राजा-रानी ने विधिपूर्वक व्रत रखा, जिसके फलस्वरूप उन्हें एक योग्य पुत्र की प्राप्ति हुई।
व्रत रखने से मिलती है सुख-समृध्दि
यह व्रत केवल संतान प्राप्ति के लिए ही नहीं, बल्कि संतान की समृद्धि, स्वास्थ्य और कुल की वृद्धि के लिए भी किया जाता है। धर्मशास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।
अनिल कुमार
