Premanand Maharaj Ji: जब जिंदगी में टूट जाएं, तो कहां जाएं? प्रेमानंद महाराज ने बताया

Premanand Maharaj Ji: जीवन एक ऐसी यात्रा है जिसमें सुख-दुख, सफलता-विफलता और आशा-निराशा का लगातार साथ चलता है। कभी-कभी परिस्थितियां इतनी कठिन हो जाती हैं कि व्यक्ति खुद को अकेला, हारा और निराश महसूस करने लगता है। ऐसे समय में मनोबल टूटना स्वाभाविक है, लेकिन अगर सही मार्गदर्शन मिल जाए, तो यही संकट इंसान के लिए नया मोड़ बन सकता है। यहां जानें प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज द्वारा एक विशेष प्रसंग के दौरान बताई गई बातें, जो जीवन से हताश लोगों के लिए एक अत्यंत प्रेरणादायक है।
प्रेमानंद महाराज जी से उनसे एक महिला ने पूछा कि यदि व्यक्ति बार-बार जीवन में हार रहा हो, कोई रास्ता न दिख रहा हो, तो उसे क्या करना चाहिए? इस पर संत प्रेमानंद महाराज ने जवाब दिया, "जब इंसान को लगे कि अब वह हार गया है, तब उसे भगवान की शरण में चले जाना चाहिए। क्योंकि हारने पर ही भगवान का बल काम करता है, अहंकार में नहीं।" उनका मानना है कि जब हम खुद को सर्वशक्तिमान समझते हैं, तब ईश्वर हमारी सहायता नहीं करते, लेकिन जब हम टूटकर उनके चरणों में समर्पित हो जाते हैं, तो वही शक्ति हमें फिर से खड़ा कर देती है।
भगवान का नाम जपने से मिलती है खुशी
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि जो व्यक्ति भगवान का नाम जपता है, वही वास्तव में इस संसार में सुखी रह सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि कामनाओं का अंत नहीं है और यही हर व्यक्ति के दुख का कारण बन रही हैं। ऐसे में, किसी भी परिस्थिति में यदि व्यक्ति पूरी श्रद्धा से भगवान का स्मरण करता है, तो वह बाहरी ही नहीं, आंतरिक रूप से भी विजयी होता है। उन्होंने स्पष्ट कहा, "इसलिए हार जाना भी अच्छा है, क्योंकि हारने के बाद ही व्यक्ति ईश्वर की ओर मुड़ता है और यह मोड़ जीवन को नया अर्थ देता है।"
मानव जीवन में यह संदेश क्यों जरूरी है?
आज के दौर में मानसिक तनाव, प्रतिस्पर्धा और असफलताओं ने बहुत से लोगों को भीतर से तोड़ दिया है। युवा वर्ग हो या वरिष्ठ नागरिक, हर कोई किसी न किसी स्तर पर संघर्ष कर रहा है। प्रेमानंद महाराज का यह संदेश इस बात की याद दिलाता है कि आध्यात्मिकता और आत्मसमर्पण में बहुत बड़ी शक्ति छिपी है, जो हमें किसी भी संकट से उबार सकती है।
यदि आप खुद को हारा हुआ महसूस कर रहे हैं, तो यह समय भगवान की ओर मुड़ने का हो सकता है। आत्मबल और ईश्वर में आस्था के सहारे आप फिर से उठ सकते हैं। संत प्रेमानंद महाराज का यह मार्गदर्शन उन लाखों लोगों के लिए प्रेरणा है जो जीवन की कठिन घड़ी में रोशनी की तलाश कर रहे हैं।
अनिल कुमार
