Surya Chandra Grahan 2025: 100 साल बाद सूर्य और चंद्र ग्रहण का दुर्लभ संयोग, इन राशियों को मिलेगा जबरदस्त लाभ

Surya Chandra Grahan 2025: साल 2025 का पितृ पक्ष (श्राद्ध पक्ष) बेहद खास रहने वाला है। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से यह समय ऐतिहासिक माना जा रहा है, क्योंकि 100 वर्षों बाद पितृ पक्ष की अवधि में दो ग्रहण चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण लगने जा रहे हैं। जहां 7 सितंबर 2025 को पितृ पक्ष की शुरुआत के साथ ही साल का दूसरा चंद्र ग्रहण लगेगा, वहीं 21 सितंबर 2025 को पितृ पक्ष की पूर्णता पर साल का अंतिम सूर्य ग्रहण लगेगा। इस अनोखे खगोलीय संयोग का प्रभाव विभिन्न राशियों पर पड़ेगा। कुछ राशियों के लिए यह समय बेहद शुभ और लाभदायक साबित हो सकता है।
मिथुन राशि (Gemini)
पितृ पक्ष में चंद्र व सूर्य ग्रहण का यह दुर्लभ योग मिथुन राशि वालों के लिए बेहद शुभ संकेत ला रहा है। नौकरीपेशा लोगों को पदोन्नति या नई नौकरी का प्रस्ताव मिल सकता है। लंबे समय से चली आ रही वित्तीय अस्थिरता दूर होगी। रियल एस्टेट से जुड़े मामलों में लाभ के संकेत हैं। मकान खरीदने का उत्तम समय है। व्यवसाय में नई साझेदारी या विस्तार के योग भी बन सकते हैं। परिवारिक जीवन में खुशहाली आएगी।
शुभ रंग: हरा, लकी नंबर: 5
धनु राशि (Sagittarius)
धनु राशि वालों के लिए यह पितृ पक्ष ऊर्जा और समृद्धि का समय रहेगा। नौकरी में प्रमोशन या मान-सम्मान मिलने के योग हैं। यदि आपने पहले किसी काम में निवेश किया था, तो अब उससे अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना है। जो काम लंबे समय से अटके थे, वे अचानक पूरे हो सकते हैं। नया कारोबार शुरू करने का सही समय है। पारिवारिक सहयोग मिलेगा और आपकी छवि मजबूत होगी।
शुभ रंग: बैंगनी, लकी नंबर: 3
मकर राशि (Capricorn)
मकर राशि के जातकों के लिए यह समय वित्तीय और व्यावसायिक सफलता का संकेत दे रहा है। बिजनेस में जबरदस्त मुनाफा हो सकता है, विशेषकर जो लोग निर्माण, रियल एस्टेट, लॉजिस्टिक्स या ट्रेडिंग से जुड़े हैं। सैलरी में वृद्धि या बोनस मिलने की प्रबल संभावना है। पुराने निवेश या बीमा से भी अचानक धन लाभ हो सकता है। घर में धार्मिक कार्य और आध्यात्मिक वातावरण बना रहेगा। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और मन प्रसन्न रहेगा।
शुभ रंग: नारंगी, लकी नंबर: 8
क्या है इसका ज्योतिषीय महत्व?
पितृ पक्ष को पूर्वजों के श्राद्ध और तर्पण का काल माना जाता है। इस दौरान ग्रहणों का आ जाना एक ऊर्जावान और शक्तिशाली संयोग माना जाता है। इस दौरान किया गया दान, जप और ध्यान कई गुना फलदायक होता है। विशेषज्ञों के अनुसार, ग्रहण काल के दौरान की गई आध्यात्मिक साधनाएं और सकारात्मक निर्णय लंबे समय तक फलदायक साबित होते हैं। खासतौर पर जिन राशियों पर सकारात्मक प्रभाव है, उन्हें यह समय जीवन में नई दिशा प्रदान कर सकता है।
ग्रहण काल में क्या करें?
ग्रहण के समय जप, ध्यान, मंत्रोच्चारण और दान करें।
नकारात्मक विचारों से दूरी बनाएं और संयम रखें।
भोजन और निंदा से बचें, स्नान करके शुद्धता बनाए रखें।
ग्रहण के बाद घर की साफ-सफाई और गंगाजल का छिड़काव करें।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।
अनिल कुमार
