Magh Mela 2026: 3 जनवरी से शुरू होगा माघ मेला, इन 5 दानों से मिलेगा पुण्य और पितरों का आशीर्वाद

Maha Kumbh Mela 2025 Date Time and years religious and mythological importance
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Magh Mela 2026: जानें 3 जनवरी से 15 फरवरी तक माघ मेले में पवित्र स्नान और पुण्यदायक 5 प्रमुख दानों का महत्व।

Magh Mela 2026: माघ मेले के शुभ आरंभ में अब बहुत कम समय शेष रह गया है। साल 2026 में माघ मेले की शुरुआत 3 जनवरी से होगी, जबकि इसका समापन 15 फरवरी 2026 को महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर अंतिम स्नान के साथ होगा। संगम तट पर लगने वाला यह मेला आस्था, तप, दान और साधना का प्रमुख केंद्र माना जाता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ मास में पवित्र स्नान के साथ दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है। कहा जाता है कि इस अवधि में किए गए दान से न केवल भगवान की कृपा प्राप्त होती है, बल्कि पितृ भी प्रसन्न होते हैं। माघ मेले के दौरान कुछ दान ऐसे बताए गए हैं, जिन्हें अत्यंत फलदायी माना गया है।

गुप्त दान

शास्त्रों में गुप्त दान को सर्वोत्तम माना गया है। इसका अर्थ है ऐसा दान, जिसमें दान देने वाले की पहचान किसी को न हो। माघ मेले के दौरान यदि आप बिना नाम-यश की इच्छा के जरूरतमंद की सहायता करते हैं, तो इसे अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। मान्यता है कि गुप्त दान से जीवन में आने वाली कई बाधाएं स्वतः दूर होने लगती हैं।

अन्न दान

अन्न दान को शास्त्रों में महादान कहा गया है। माघ मेले में जरूरतमंदों, साधु-संतों या ब्राह्मणों को अन्न दान करना विशेष फलदायी माना जाता है। धार्मिक विश्वास है कि अन्न दान करने से घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती और पितृ भी इससे प्रसन्न होते हैं।

बिस्तर का दान

माघ मेले के दौरान कंबल, रजाई, गद्दा या चारपाई जैसे बिस्तर का दान करना भी शुभ माना गया है। यह दान विशेष रूप से ठंड के मौसम में जरूरतमंदों के लिए बहुत सहायक होता है। मान्यता है कि बिस्तर दान करने से व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है और जीवन में स्थिरता आती है।

वस्त्र दान

माघ मास में वस्त्र दान करने का भी विशेष महत्व है। साफ और उपयोग योग्य कपड़े जरूरतमंदों को दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वस्त्र दान से पितरों का आशीर्वाद मिलता है और पारिवारिक सुख-समृद्धि बढ़ती है।

तिल का दान

माघ मेले में तिल या तिल से बने लड्डुओं का दान करने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, तिल दान से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है, जिससे करियर, व्यापार और मान-सम्मान में वृद्धि होती है।

माघ मेला 2026 केवल स्नान का पर्व नहीं, बल्कि दान, संयम और सेवा का भी महापर्व है। इस दौरान श्रद्धा और सामर्थ्य के अनुसार किया गया दान न केवल आध्यात्मिक लाभ देता है, बल्कि जीवन में सकारात्मक बदलाव भी लाता है।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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