Lalita Saptami 2025: कब है ललिता सप्तमी?, जानें सही डेट, महत्व और पूजा विधि

Lalita Saptami 2025
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ललिता सप्तमी 2025: 30 अगस्त को है यह पवित्र पर्व। जानिए तिथि, महत्व और पूजा विधि। मालपुए का भोग, व्रत और प्रसाद की जानकारी।

Lalita Saptami 2025: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को हिंदू धर्म में ललिता सप्तमी मनाई जाती है, जो राधाष्टमी से एक दिन पहले और जन्माष्टमी से 14 दिन बाद आती है। यहां जानें ज्योतिषाचार्य डॉक्टर मनीष गौतम जी महाराज से महत्व, पूजा विधि और नियम के बारे में।

ललिता सप्तमी 2025 की तिथि

  • तिथि आरंभ: 29 अगस्त 2025 (शुक्रवार) रात 8:21 बजे से
  • तिथि समाप्ति: 30 अगस्त 2025 (शनिवार) रात 10:46 बजे तक
  • इसलिए इस वर्ष इसका उत्सव 30 अगस्त 2025, शनिवार को मनाया जाएगा

ललिता सप्तमी का महत्व

देवी ललिता जो श्री राधा रानी की प्रिय सखी और अष्टसखियों में प्रमुख थीं। उनके जन्मोत्सव के रूप में यह पर्व मनाया जाता है। राधा-कृष्ण के प्रेम और रासलीला में ललिता का अहम योगदान माना जाता है। इस व्रत को करने से प्रेम, सौभाग्य और संतान सुख की प्राप्ति होती है

पूजन विधि

सुबह स्नान और पूजा स्थल तैयारी

प्रातःकाल स्नान के बाद गणेश, राधा-श्रीकृष्ण तथा ललिता देवी (या शालिग्राम) का ध्यान और स्थापना करें

सामग्री अर्पण

चावल, नारियल, हल्दी, चंदन, फूल, गुलाल, दूध और विशेष रूप से मालपुए का भोग अर्पित करें

दीप और मंत्र-जाप

घी का दीपक जलाएं और हृदयपूर्वक भजन-आरती करें। पूजा की समाप्ति पर मौली/लाल धागा दाहिने हाथ में बांधे

व्रत का नियम

सूर्योदय से अगले सूर्योदय तक उपवास रखना शुभ माना जाता है। एक बार ही भोजन करें और दूसरे दिन सुबह प्रसाद वितरण के रूप में फल व भोजन दें।

तिथि- 29 अगस्त, रात 8:21 से 30 अगस्त, रात 10:46 तक

उत्सव दिवस- 30 अगस्त, शनिवार

महत्त्व: देवी ललिता की जयंती; प्रेम, सौभाग्य, संतान सुख की प्राप्ति

पूजन विधि: स्नान → गणेश-ललिता-राधा-कृष्ण पूजा → मालपुआ भोग → दीप-आरती → मौली बांधना

व्रत विधि: सूर्योदय से अगले सूर्योदय तक व्रत; प्रसाद वितरण

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।

अनिल कुमार

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