Lalita Saptami 2025: आज है ललिता सप्तमी, जानें व्रत, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व

Lalita Saptami 2025: हिंदू पंचांग में आने वाले प्रत्येक पर्व और व्रत का जीवन में गहरा प्रभाव होता है। इन्हीं पावन अवसरों में से एक है ललिता सप्तमी, जिसे महाललिता सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत विशेष रूप से भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है और इस वर्ष यह पर्व आज 30 अगस्त 2025, शनिवार को मनाया जा रहा है।
ललिता सप्तमी शुभ मुहूर्त
सप्तमी तिथि आरंभ: 29 अगस्त 2025, शुक्रवार, रात 10:45 बजे
सप्तमी तिथि समाप्त: 30 अगस्त 2025, शनिवार, रात 11:30 बजे
पूजा का श्रेष्ठ समय: ब्रह्म मुहूर्त (सूर्योदय से पूर्व)
ललिता सप्तमी का धार्मिक महत्व
देवी ललिता को शक्ति स्वरूपा और सौंदर्य की प्रतीक माना गया है। इस दिन किए गए व्रत और पूजन से साधक को विद्या, ऐश्वर्य, दीर्घायु, सौभाग्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह व्रत विशेष रूप से नवविवाहित स्त्रियों, गृहस्थ जीवन में सुख-शांति की कामना करने वाले परिवारों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
ललिता सप्तमी व्रत विधि और नियम
प्रातःकाल स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
पूजा स्थल को शुद्ध कर एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं।
देवी ललिता की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
व्रत का संकल्प लें और देवी को फूल, फल, हलवा, पंचामृत आदि अर्पित करें।
धूप-दीप जलाएं और “ॐ श्री ललितायै नमः” मंत्र का जाप करें।
अंत में देवी की आरती करें और प्रसाद ग्रहण करें।
व्रत के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
मांस और शराब का सेवन न करें।
झूठ बोलने और किसी का अपमान करने से बचें।
ब्रह्मचर्य का पालन करें।
सूर्यास्त से पहले न सोएं।
इन नियमों का पालन करने से व्रत का संपूर्ण फल प्राप्त होता है।
लाभ और मान्यता
विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।
संतान प्राप्ति की कामना पूर्ण होती है।
घर-परिवार में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
मानसिक शांति और आत्मिक बल की प्राप्ति होती है।
नवविवाहित स्त्रियों के लिए यह व्रत विशेष रूप से फलदायी माना गया है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।
अनिल कुमार
