Ashadh Month 2025: जानिए आषाढ़ महीने का महत्व, क्या करें और किन चीजों से बचें

Ashadh Month 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास वर्ष का चौथा माह होता है, जो आमतौर पर जून के मध्य से जुलाई के मध्य तक चलता है। यह महीना सिर्फ धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि प्राकृतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। वर्षा ऋतु की शुरुआत इसी महीने से होती है, जिससे खेती-बाड़ी के नए चक्र की शुरुआत होती है।
आषाढ़ मास का महत्व
आषाढ़ का महीना सनातन संस्कृति में भगवान विष्णु की भक्ति, दान-पुण्य, और आध्यात्मिक साधना का विशेष समय माना गया है। मान्यता है कि इस महीने पूजा-पाठ, व्रत और स्नान जैसे धार्मिक कार्यों से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और कर्मों का फल कई गुना बढ़ जाता है। इसके साथ ही इस माह से चातुर्मास का आरंभ भी होता है, जो अगले चार महीनों तक चलने वाला एक विशेष धार्मिक काल है। इस दौरान साधु-संत भ्रमण नहीं करते और स्थिर रहकर साधना में लीन रहते हैं।
आषाढ़ मास में क्या करें?
- प्रत्येक दिन भगवान विष्णु की पूजा करें।
- गंगा स्नान और तीर्थ यात्रा करें।
- व्रत और उपवास रखें।
- तुलसी, माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की संयुक्त पूजा करें।
- भजन-कीर्तन, जाप और साधना करें।
आषाढ़ मास में क्या न करें?
- शादी-विवाह या अन्य मांगलिक कार्य न करें।
- गृह प्रवेश या भवन निर्माण टालें।
- नया व्यापार न शुरू करें।
- बाल या नाखून न कटवाएं।
- मांस, मदिरा और तामसिक भोजन से परहेज करेंहै।
- भूमि खुदाई या खेती-बाड़ी न करें।
- झगड़ा, कटु भाषण या क्रोध से बचें।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।
